अल्मोड़ा। कहते हैं सत्ता किसी भी व्यक्ति को निरंकुश बना देती है, पूर्ण सत्ता पूर्ण निरंकुश कर देती है। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के सल्ट विधायक महेश जीना पर यह उक्ति पूरी तरह से लागू होती है। चुनाव जीतने के बाद वह इस तरह के बयान देने लगे हैं कि अब कर्मचारियों की खैर नहीं, उनका उत्पीड़न किया जाएगा, इसका कर्मचारियों ने विरोध किया है और विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
सल्ट के नवनिर्वाचित विधायक महेश जीना ने देघाट में दिए बयान की कर्मचारियों ने की निंदा की है और आंदोलन की चेतावनी दी है। उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन कुमाऊं मण्डल नैनीताल के अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार पाठक ने नव.निर्वाचित विधायक सल्ट द्वारा देघाट में दिये गये वक़्तव्य की निंदा की है। धीरेन्द्र पाठक ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि देघाट में आयोजित जनसभा में महेश जीना द्वारा कर्मचारियों के उत्पीड़न किये जाने की बात की गयी है। धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि कार्मिकों द्वारा दिन रात सरकारी कार्य का निस्तारण किया जाता है और अभी विधानसभा चुनाव भी दिन रात मेहनत कर सम्पन्न कराए गये हैं। उसके बाद कार्मिकों को धन्यवाद दिये जाने के बजाय उत्पीड़न करने की बात की जा रही है।
पाठक ने कहा कि उत्तराखंड के राज्य कर्मचारियों द्वारा उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए 94 दिन की हड़ताल की गयी और राज्य के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी। आज राज्य के विधायक धमकाने का काम कर रहे हैं। यह किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। किसी भी कार्मिक का उत्पीड़न करने का प्रयास किया गया या किसी भी कार्मिक की ओर से संगठन में शिकायत दर्ज की जाएगी तो आंदोलनात्मक कार्यवाही की जायेगी और आमरण अनशन तक से पीछे नहीं हटेंगे। लोकतंत्र में नादिरशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जनप्रतिनिधियों को शालीनता के साथ व्यवहार करना चाहिए और मानवाधिकार व प्राकृतिक न्याय की अवधारणा को भी संज्ञान में रखना चाहिए। भारत में लोकतन्त्र है। यहां नादिरशाही फैसले व रवैया बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जनप्रतिनिधियों को कार्मिकों के पुरानी पेंशन बहाली, चिकित्सा प्रतिपूर्ति बहाल करने, शिथिलीकरण प्रदान करने, स्थानांतरण एक्ट में संशोधन, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को गृह जनपद आबंटन, समयबद्ध पदोन्नति व स्थानांतरण और अन्य लंबित मामलों को हल करने के प्रयास करने चाहिए। धमकाने के प्रयास व उत्पीड़न को संगठन गंभीरता से लेगा और शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जायेगा।












