थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पैनगढ़ आपदा पीड़ितों को हर संभव सहायता दी जाएगी एवं भूस्खलन प्रभावितों का स्थाई विस्थापन के लिए प्रयास तेज किए जाएंगे। थराली विकासखंड के पैनगढ़ में आपदा ग्रस्त गांव का दौरा करने पहुंचे थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा ने नुकसान का जायजा लेते हुए गांव में ही एक पत्रकार वार्ता में उक्त बातें कही। इस दर्दनांक हादसे की जानकारी मुख्यमंत्री सहित शासन के आलाधिकारियों को मिल चुकी हैं। पीड़ित परिवार एवं प्रभावित ग्रामीणों को हर संभव सहायता दिलाने का प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों,तहसील प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ ने तेजी के साथ राहत एवं बचाव कार्य किया। किंतु ध्वस्थ मकान के ऊपर भारी बोल्डर आने के कारण 4 लोगों की अकाल मौत हों गई। उन्होंने कहा कि इस गांव के भूस्खलन प्रभावितों को विस्थापित किए जाने के प्रयास तेज किए जाएंगे। इस संबंध में जिला प्रशासन एवं शासन से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी भी पहाड़ी से लगातार भारी मात्रा में पत्थर बोल्डर गिर रहें हैं। जिससे सुरक्षा की दृष्टि से अन्य ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर रखने के लिए प्रशासन को कहा गया हैं।
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भूगर्भ के द्वारा चयनित भूमि भी विस्थापन के लिए अनुपयोगी बताया
थराली के उपजिलाधिकारी रविंद्र जुवांठा ने बताया कि पिछले वर्ष पैनगढ के करीब 46 परिवारों के विस्थापन के लिए गांव के पास सेरा तोक में भूमि का चयन किया गया था। किंतु भुगर्भ विभाग के द्वारा इस भूमि को विस्थापन के लिए अनुपयुक्त बताया। जिससे विस्थापन प्रक्रिया को झटका लगा।अब राजस्व विभाग के द्वारा गांव के पास तलगांव तोक में भूमि का चयन किया गया हैं।इसकी भूगर्भीय जांच के लिए लिखा गया हैं।कहा कि पैनगढ़ आपदा के पीड़ितों को सहायता देने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है।
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और पूरे दिन पत्थरों के गिरने से बनी रही दहशत
शुक्रवार से बिना बरसात के दरक रहे पैनगढ़ की पहाड़ी से पूरे दिन पत्थर, बोल्डर एवं पेड़ों के गिरने का सिलसिला जारी रहा जिससे गांव में भारी दहशियत बनी रही। प्रत्येक क्षण बोल्डरों के आवादी क्षेत्र में आने की संभावना को देखते हुए अजीब सी दहशिय बनी हुई थी। लोगों की नजरें पहाड़ी से गिर रहें पत्थरों की गड़गड़ाहट के चलते बरबस ही पहाड़ी की ओर नजर गड़ी रही।
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