थराली से हरेंद्र बिष्ट।
दैवीआपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्रों में सुमार पिंडर में संभावित आपदाओं के दौरान जानमाल के नुक़सान को कम से कम करने के लिए बरसात के इस सीजन में एक बार फिर से सतर्क होने लगा है। पिछले महीने जून माह के दौरान चार दिनों तक हुई भारी बारिश के बाद प्रशासन और भी अधिक सतर्क हो गया है।
दशकों से पिंडर घाटी के देवाल, थराली एवं नारायणबगड़ विकासखंड आपदा की दृष्टि से पूरे राज्य के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में से एक बना हुआ हैं। दशकों से कोई भी ऐसी बरसाते नही गुजरी है कि जिस साल जानमाल का नुकसान नही हुआ हों। बरसात शुरू होते ही प्रशासन के साथ ही आम जनसमुदाय भी बचाने एवं बचाने के प्रति सजग होने लगता हैं। वजूद इसके नुकसान होते ही आ रहा हैं। इस साल बरसात का सीजन शुरू होते ही 18 से 21 जून के बीच जिस तरह से पिंडर घाटी में मूसलाधार बारिश हुई एवं इस दौरान इस क्षेत्र की प्रमुख नदियों में नदी पिंडर का जलस्तर जिस तेजी के साथ खतरें के निशान के आसपास पहुंचा था उससे आम जनमानस के साथ ही प्रशासन में भी खलबली मच गई थी। गनीमत माना जा रहा हैं कि 4 दिनों के दौरान हुई मूसलाधार बारिश के बीच तीनों विकासखंडों के किसी भी क्षेत्र में बादल फटने की घटना घटित नही हुई जिससे क्षेत्र बड़े नुकसान से बच गया हालांकि इस दौरान जनहानि नही हुई किन्तु सार्वजानिक संपतियों के साथ ही व्यक्तिगत संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ हैं।
अब जबकि बारिश का सीजन पूरी तरह से तों शुरू हो गया हैं। परंतु पिछले 5.6 दिनों से बरसात के सीजन होने के बावजूद मौसम काफी खुला हुआ हैं। गर्मियां अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने में तुली हुई हैं।इस मौसम को यहां का जनसमुदाय शुभ नही मान रहा हैं। लोगों का मानना हैं कि मौसम की इन दिनों जारी बेरूखी बड़े खतरें का संकेत भी हो सकता हैं। जिससे देखते हुए आम जनता के साथ ही तहसील प्रशासन ने भी कमर कसनी शुरू कर दी हैं।
इस संबंध में थराली के उपजिलाधिकारी सुधीर कुमार ने प्रेस से बात करते हुए बताया कि दैवी आपदा की घटनाओं को रोका तो नही जा सकता हैं किन्तु घटना होने के बाद नुकसान को कम जरूर किया जा सकता हैं। इसके लिए तहसील प्रशासन ने पूरी तरह से तैयार की हुई हैं। बताया कि तहसील मुख्यालय थराली में आपदा कंट्रोल रूम बनाया गया हैं।जोकि 24 बीसों घंटे काम कर रहा है। इसके अलावा तहसील प्रशासन ने सभी आधिकारीए कर्मचारी आम जनताए जनप्रतिनिधियोंए पंचायत प्रतिनिधियोंए राजनीतिक दलों के संपर्क में है। जिससे दुरस्थ से दुरस्थ क्षेत्रों में भी आपदा की घटना घटित होने के जितनी जल्दी हो सके राहत एवं बचाव का कार्य शुरू किया जा सके। इसके अलावा तहसील क्षेत्र के सभी विभाग पूरी तरह से सजग एवं सतर्क बनें हुए हैं।कहा कि पिछले जून माह की मूसलाधार बारिश के बाद से सजगता एवं सतर्कता बढ़ा दी गई हैं। लोगों को भी सजग एवं सतर्क रहने के लिए प्रशासन के द्वारा अपील की जा रही हैं। अधिक बारिश होने पर संवेदनशील गांव को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया हैं। ताकि अनहोनी से अधिक से अधिक बचा जा सके।