हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बरसात पिंडर घाटी में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त हो कर रह गई हैं। इसके अलावा पिंडर नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए तहसील प्रशासन थराली ने नगर पंचायत थराली के अंतर्गत नदी के बेहद करीब स्थित दुकानों एवं नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के नोटिस जारी किए हैं।तेज बारिश के कारण देवाल-सुयालकोट-खेता मोटर मार्ग के अवरूद्ध हों जाने के कारण एक दर्जन से अधिक गांवों का यातायात संपर्क अन्य क्षेत्रों से पूरी तरह से कट गया हैं।
पिछले 24 घंटों से पिंडर क्षेत्र में हों रही तेज बारिश के कारण पूरी पिंडर घाटी के देवाल, थराली व नारायणबगड़ के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो कर रह गया हैं, जहां एक ओर तमाम सड़कों पर सामान्य यातायत व्यवस्था चरमरा कर रह गई हैं वही भारी बारिश के कारण पैदल मार्ग,पानी की लइनों को भी काफी अधिक नुकसान पहुंचा है।इधर पिंडर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। नदी से किसी भी तरह की अनहोनी को दृष्टिगत रखते हुए थराली के उपजिलाधिकारी पंकज भट्ट ने पुलिस एवं राजस्व पुलिस को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए नगर पंचायत क्षेत्र जो की आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं, एसडीएम के निर्देश पर थराली के राजस्व उपनिरीक्षक रोबिट सिद्दीकी व देवराडा के राहुल कुमार ने राजस्व टीम के साथ नगर पंचायत थराली के पिंडर नदी के समीप रह रहे निवासियों को नदी का जलस्तर बढ़ने या बाढ़ आने जैसी स्थिति होने या उससे पूर्व सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए आग्रह किया गया, पटवारी सिद्धकी ने बताया कि आपदा की स्थिति में तहसील प्रशासन ने राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, राजकीय प्राथमिक विद्यालय थराली में अस्थाई एवं वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान कि है। इस संबंध में पिंडर नदी के समीप निवासरत लोगो को तहसील प्रशासन द्वारा नोटिस भी जारी किया है। उधर देवाल -सुयालकोट-खेता मोटर सड़क के सुयालकोट नामक स्थान पर पूरी तरह अवरूद्ध हो जाने के कारण ऊपरी क्षेत्रों के एक दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क ब्लाक मुख्यालय देवाल सहित अन्य क्षेत्रों से पूरी तरह से कट गया हैं।
—–
दोपहर दो बजें बाद बारिश बंद होने एवं उसके बाद धूप लिखने पर पिंडर क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है, बारिश बंद होने के बाद क्षेत्र की मुख्य नदी पिंडर,कैल व प्राणमती सहित अन्य गद्देरो का जलस्तर कुछ घट गया हैं, हालांकि सामान्य जनजीवन अब भी प्रभावित पड़ा हुआ हैं।
—-
धराली उत्तरकाशी में आई भीषण आपदा के बाद कई टीवी चैनलों में धराली के बजाय थराली में आई आपदा लिखने के कारण पूरे पिंडर क्षेत्र के प्रवासियों के द्वारा अपने कुटुम्ब, परिजनों की कुशलक्षेम के लिए पिछले दो दिनों से फोन घनघनाते रहे जब उन्हें हकीकत का पता चला तों उन्होंने राहत की सांस ली।