रिपोर्ट- सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
जनपद रुद्रप्रयाग के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान(डायट)रतूड़ा मे आयोजित आपदा प्रबन्धन,विद्यालय सुरक्षा एवं सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रम के अवसर पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन्स/यातायात हर्षवर्द्धनी सुमन द्वारा शिक्षकों के बीच पहुंचकर सड़क सुरक्षा,यातायात प्रबन्धन एवं साइबर अपराध के बारे में जानकारी दी गयी।
सड़क सुरक्षा एवं यातायात प्रबन्धन पर जानकारी देते हुए पुलिस उपाधीक्षक यातायात द्वारा बताया गया कि ये दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।सड़क सुरक्षा से तात्पर्य है कि सभी सड़क सुरक्षा उपायों के प्रयोग द्वारा सड़क हादसों की रोक-थाम और बचाव किया जाना। किसी भी सड़क का प्रयोग कैसे किया जाना है इसकी जानकारी भी होनी आवश्यक है।सभी को वाहन संचालन करते समय या पैदल चलते वक्त दूसरों का सम्मान करना चाहिये और उसकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिये।सड़क सुरक्षा एवं यातायात प्रबन्धन के कुछ जरूरी उपाय ये हैं जैसे कि जिस वाहन को चला रहे हैं उसके बारे में जानकारी,मौसम और सड़क की स्थिति के अनुसार सुरक्षित ढंग से वाहन का संचालन,वाहन लाईटों और हॉर्न का प्रयोग,सीट बेल्ट का पहनना,वाहन पर लगे मिररों का सही प्रयोग,निर्धारित गति सीमा में ही अपने वाहन को चलाना,मोड़ों पर हार्न का प्रयोग,सड़क पर दूसरे वाहनों से दूरी बना के रखना,वाहन संचालन के समय अचानक आने वाली दिक्कत की स्थिति को सम्भालने की उचित समझ ताकि स्वयं व दूसरों के जीवन को संकट मे आने से बचाया जा सके। साथ ही उपस्थित शिक्षक गणों से आग्रह किया गया कि वे अपने स्कूलों में अध्ययनरत नाबालिग वाहन चालकों को वाहन संचालन हेतु हतोत्साहित अवश्य करें।
पुलिस उपाधीक्षक द्वारा साइबर अपराध के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया गया कि आज के दौर में सबसे अधिक साइबर अपराध बढ़ रहा है।जानकार से जानकार व्यक्ति भी लालच में फंस कर साइबर ठगों के शिकंजे में आ जाता है।सरल भाषा में जानकारी दी गयी कि हम आप सब लोग इतनी मेहनत करते हैं,तब जाकर उसका मेहनताना मिलता है।फिर क्यों कोई बिना कुछ किये ही किसी को पैसे देगा।इसके लिए आवश्यक है कि न केवल ऐसी परिस्थितियों में सतर्क रहना है,बल्कि औरों को भी जागरुक करना है।किसी भी प्रकार के लोभ-लालच वाले संदेशों या कॉल्स को इग्नोर करना है।साइबर अपराध से बचाव का सबसे अच्छा उपाय यही है कि अपना सब्र और इग्नोरेंश।सब्र यह कि किसी भी झांसे में नहीं आना है और इग्नोरेंश यह कि यदि ऐसे लोभ लालच वाले मैसेज या कॉल आते भी हैं तो उन पर ध्यान नहीं देना है।साइबर अपराध हो जाने की दशा में तुरन्त साइबर अपराध हैल्पलाइन नम्बर1930 पर कॉल किये जाने के बारे में भी अवगत कराया गया।साइबर अपराध से बचने का सबसे बड़ा उपाय ही जागरुकता है।
पुलिस उपाधीक्षक आपरेशन हर्षवद्धनी सुमन ने सभी शिक्षक गणों से भी आग्रह किया कि वे इस सम्बन्ध में अपने विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को इस प्रकार की बुनियादी जानकारी अवश्य दें।
इस अवसर पर आयोजक मण्डल द्वारा पुलिस के जागरुकता कार्यक्रम का आभार प्रकट किया गया।