रिपोर्ट-रूद्र बहादुर थापा उत्तराखंड समाचार के लिए विकासनगर से
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार की अदूरदर्शिता एवं लापरवाही की वजह से भयंकर गर्मी के दिनों में जनता को विद्युत कटौती की वजह से मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि बिजली पर आश्रित कारोबारियों एवं उद्योगपतियों को अपना कारोबार उद्योग बंद कर इसकी वजह से भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। जिसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है। नेगी ने कहा कि मोर्चा पिछले कई माह से लगातार सरकार से वितरण एवं एटी एंड सी हानियां यानी लाइन लॉसेस कम करने के लिए चेताता रहा, लेकिन सरकार सोई रही।
वर्ष 2019-20 में वितरण हानियां 13.040 फ़ीसदी तथा ए टी एंड सी हानियां 20.44 फीसदी थी। मोर्चा के अथक प्रयास से बामुश्किल दो फ़ीसदी ही लाइन लॉसेस कम हो पाई। सरकार की अनुभवहीनता का परिणाम आज जनता को भुगतना पड़ रहा है। कर्ज के सहारे चल रहे प्रदेश को बहुत महंगी दर पर बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को चौपट किया जा रहा है।
नेगी ने कहा कि उत्तराखंड की धरती पर बड़ी.बड़ी जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित हैंएतथा हर वक्त उत्तराखंड का जनमानस अपनी जान जोखिम में डाले रहता है। बावजूद इसके, ऊर्जा प्रदेश के लोगों को बिजली कटौती का सामना करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि प्रशासन व विद्युत विभाग के अधिकारियों को दिन दिन.रात युद्ध स्तर पर लाइन लॉसेस कम करने को उनकी नकेल कसे। पत्रकार वार्ता में. अमित जैन व गुरविंदर सिंह मौजूद थे।