प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। इस वर्ष श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पूर्व होटल व यात्री निवासों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है, लेकिन बिना ऑन लाइन बुकिंग के पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की आवासीय ब्यवस्था आखिर कैसे हो सकेगी? यह एक विचारणीय प्रश्न है।
दरसअल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बद्रीनाथ मास्टर प्लान को धरातल पर उतारने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक रखी है, मास्टर प्लान के प्रथम फेज के निर्माण कार्यों के लिए पंडा पुरोहितों के आवासीय मकानों को खाली कराया जाना है और उनके अस्थाई आवास के लिए बीकेटीसी की कुछ धर्मशालाओं को अधिग्रहित किया गया है, जबकि बीकेटीसी, जीएमवीएन व नगर पंचायत के कुछ भवनों को पहले ही ध्वस्त किया किया जा चुका है।
बद्री केदार मंदिर समिति का जीओ भवन, जीएमवीएन का पर्यटक आवास गृह व नगर पंचायत का कार्यालय व आवास भवन अब तक ध्वस्त हो चुके हैं, इसकेअलावा पंडा पुरोहितों को अस्थाई आवासों के लिए बद्री केदार मंदिर समिति का चाँद कॉटेज, डालमिया व मोदी धर्मशाला तथा बस अड्डे पर 150 बिस्तरों का यात्री निवास भी अधिग्रहित कर लिया गया है।
यही नहीं देशभर के आम श्रद्धालुओं को सस्ते दरों पर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्मित पांच सौ बेड यात्री निवास के भी दो सौ बेड आरक्षित किए गए हैं, ऐसे में बिना ऑन लाइन बुकिंग के पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की आवास ब्यवस्था आखिर कैसे हो सकेगीघ्यह इस वर्ष के यात्राकाल में एक गंभीर समस्या रहेगी।
विगत दो वर्षों से कोविड महामारी के कारण यात्रा नहीं चली औऱ इस वर्ष समय से पूर्व गर्मी बढ़ने तथा ऑन लाइन बुकिंग को देखते हुए माना जा रहा है कि बद्रीनाथ यात्रा जबर्दस्त चलेगी।
अब देखना होगा कि अथिति देवो भवः पर चलने वाली शासन ब्यवस्था भू.वैकुण्ठ धाम बद्रीनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के लिए किस प्रकार की योजना को मूर्तरूप देगी यह आगामी 8 मई कपाट खुलने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।