फोटो- सीमांत प्रखंड जोशीमठ के सुदूरवर्ती ग्रामों को सडक से जोडने की मांग को लेकर सीएम से भेंट करते प्रतिनिधि।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। सीमांत विकास ख्ंाड जोशीमठ के सुदूरवर्ती गाॅवों को सडक संपर्क से जोडने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपा।
दर्जाधारी राज्यमंत्री रामकृष्ण ंिसह रावत के नेतृत्व मे सुदूरवर्ती सडक विहीन क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने बुधबार को सचिवालय मे भंेट के दौरान सीमावर्ती क्षेत्र जोशीमठ के सुदूरवर्ती ग्राम डुमक, कलगोठ, पल्ला, जखोला, किमाणा द्वींग-तपौण व लाॅजी/पोखनी ग्रामों को सडक से जोडने की मांग की गई। ज्ञापन मे कहा गया है कि आजादी के सत्तर वर्ष के बाद भी सीमांत क्षेत्र के दर्जनो ग्राम सडक संपर्क से नही जुड सके है। इन गाॅवों के ग्रामीण आज भी 15 से 20 किमी की पैदल दूरी तय करने को विवश है। और गाॅव पलायन का दंश झेल रहे है। इन गाॅवों के बीमारो व प्रसव पीडिताओ को सीएचसी जोशीमठ पंहुचाने के लिए डंडी कंडी का सहारा लेना पडता हैं। पूर्व की कई सरकारो के सम्मुख भी इस मांग को प्रमुखता से रखा गया लेकिन कोई कार्यवाही नही हो सकी।
ज्ञापन मे कहा गया है कि वर्ष 2008-09 मे उर्गम से पल्ला गाॅव को जोडने के लिए तीन किमी0 सडक निर्माण की स्वीकृति के बाद कार्य भी शुरू हुआ था लेकिन दस वर्ष बीतने के बाद भी तीन किमी0सडक का निर्माण नही हो सका। कहा गया है कि इसी मोटर मार्ग पर एक कठोर चटटान की कटिंग के लिए वर्ष 2018 मे शासन द्वारा अलग से धनराशि स्वीकृत कर कार्यदायी विभाग लोनिवि को अवमुक्त की गई। लेकिन इस पर भी कार्य शुरू नही हो पाया।
सीएम को दिए गए ज्ञापन मे सीमांत प्रखंड के गाॅवों को जोडने वाली सभी स्वीकृत सडको पर त्वरित कार्यवाही करने का आग्रह किया गया । सीएम को दिए गए ज्ञापन पर मथुराप्रसाद हटवाल, भरत भंडारी,पंकज हटवाल आदि के हस्तााक्षर है।