देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में एक दिवसीय विशेष सत्र में संसद में पारित अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षण को दस वर्ष के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। पक्ष तथा विपक्ष ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। एंग्लोइंडियन को पिछले सत्तर वर्ष से मिल रहे संसद तथा विधानसभा में आरक्षण को आगे नहीं बढ़ाया गया।
उत्तराखंड विधानसभा में इस प्रस्ताव को संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने रखा। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया लेकिन उन्होंने कहा कि यदि एंग्लोइंडियन समुदाय का आरक्षण भी जारी रखा जाता तो बेहतर होता। उत्तराखंड विधानसभा में एंग्लोइंडियन सदस्य जार्ज आईवन ग्रेगरी मैन ने कहा कि जनगणना में कहीं भी एंग्लोइंडियन के लिए कोई खाना नहीं बना हुआ था। इसलिए जनगणना के आंकड़े सही नहीं हो सकते हैं। उन्होंने प्रस्ताव का समर्थन किया और भरे गले से भारत सरकार से अनुरोध किया कि एंग्लोइंडियन समुदाय को दस साल के लिए और आरक्षण दिया जाए। क्योंकि एंग्लोइंडियन समुदाय की संख्या लगातार कम हो रही है, उन्हें संरक्षण देने की नितांत आवश्यकता है।
विशेष सत्र में अध्यक्ष के आसन ग्रहण करते ही उप नेता कांग्रेस करन महरा ने पुरानी पेंशन बहाली का सवाल उठाया। उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया कि इस सवाल को नियम 310 में उठाने की अनुमति दी जाए। कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने भी उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पंद्रह साल की नौकरी करने के बाद कर्मचारियों को दो हजार रुपये पेंशन मिल रही है। कांग्रेस विधायक इस सवाल को लेकर वैल पर आ गए। संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह पंद्रह साल पुराना प्रस्ताव है। भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने आपत्ति उठाई कि जब एसएसी, एसटी के सवाल उठते हैं, कांग्रेस के विधायक निरर्थक मुद्दे लेकर हंगामा करने लगते हैं। अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने विषय की गंभीरता को देखते हुए इसे नियम 58 में चर्चा के लिए स्वीकार करने का भरोसा दिया तब जाकर कांग्रेस सदस्य अपनी सीटों पर बैठे।
प्रश्नकाल में चार तारांकित सवालों पर चर्चा हुई। विधायक देशराज कर्णवाल ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री से विभाग में बैकलाॅग की स्थिति पर सवाल रखा। विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि अनुसूचित जाति के 127, अनुसूचित जनजाति के 28 पद बैकलाॅग से भरे जाने हैं। विभाग में कुल 500 पद रिक्त हैं। सेवा नियमावली बनने की प्रक्रिया चल रही है, तीन माह में पद भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
एक अन्य तारांकित सवाल उठाते हुए विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि वर्तमान में परिवहन निगम में कुल कितनी बसें अनुबंधित हैं। सरकार लाभ या हानि की स्थिति में है? परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि परिवहन निगम में 175 बसें अनुबंध में चल रही हैं, जिससे 488.80 लाख का लाभ हुआ है। प्रश्नकर्ता विधायक ने कहा फिर पूरक प्रश्न किया कि यदि अनुबंधित बसें लाभ दे रही हैं तो सरकार अनुबंधित बसें क्यों नहीं बढ़ाती। परिवहन मंत्री ने कहा कि परिवहन निगम का घाटा 47 करोड़ रुपये से घटकर 33 करोड़ रुपये हो गया है। जल्दी ही घाटे को पाट दिया जाएगा।
तीसरा तारांकित प्रश्न उठाते हुए भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि बस दुर्घटनाओं में मृतकों को मिलने वाला मुआवजा एक लाख रुपये कम है, इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जाना चाहिए। निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने पूछा कि मृतकों के परिजनों तथा घायलों कितने समय में मुआवजा राशि मिल जाती है। भाजपा विधायक विनोद चमोली ने सवाल उठाया कि दुर्घटना में अंगभंग होने पर कृत्रिम अंग लगाने की प्रक्रिया काफी महंगी है, जबकि मुआवजा काफी कम मिलता है। परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए 800 करोड़ रुपये के बजट से कार्य हो रहा है। आर्य ने कहा कि अभी मुआवजा राशि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
भाजपा विधायक राम सिंह कैड़ा ने भीमताल झील की जर्जर स्थिति का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि डैम में दरारें आ रही है विभाग दरारें भर कर खतरा बढ़ा रहा है। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जल विज्ञान संस्थान रुड़की के बांध सुरक्षा प्रकोष्ठ से इसकी जांच कराई जा रही है। सरकार डैम सुरक्षा सेफ्टी पैनल बनाकर सभी डैम की जांच कराने जा रही है। उन्होंने कहा कि भीमताल डैम सौ साल से अधिक पुराना है, पहली बार इसका परीक्षण कराया जा रहा है।
शून्यकाल में नियम 58 के तहत निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांगों को उठाया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां आंदोलनरत हैं, सरकार उनसे बातचीत तक करने को तैयार नहीं है। बाल विकास एवं महिला सशक्तिकरण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रेखा आर्य ने कहा कि सारे हिमालयी राज्यों ही नहीं बल्कि देश में सभी राज्यों से अधिक मानदेय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उत्तराखंड सरकार दे रही है। उनकी सारी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उनकी मुख्यमंत्री से भी वार्ता करा दी जाएगी।
कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह अधिकारियों की सारी बैंचे खाली होने और अधिकांश मंत्रियों के सदन में उपस्थित न होने का सवाल उठाया और इसे सदन की अवमानना करार दिया। कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने सिडकुल हरिद्वार तथा भगवानपुर में बाहरी तत्वों द्वारा किए जा रहे अपराध का सवाल नियम 58 में उठाया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार से इस पूरे प्रकरण की जांच कराने का आग्रह किया। श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने जांच का आश्वासन दिया। कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुजवाल ने नियम 58 में सवाल उठाया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए यू-हेल्थकार्ड योजना बेहतर थी, इसे बंद कर आयुष्मान योजना में विलय करा दिया गया। उन्होंने आयुष्मान योजना को भ्रष्ट योजना बताया। संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि 2018 से अब तक आयुष्मान योजना में 100 करोड़ का भुगतान अस्पतालों को किया जा चुका है। 35 लाख गोल्डन कार्ड राज्य में बन चुके हैं। भ्रष्टाचार करने वाले अस्पतालों पर 94 लाख का दंड थोपा गया है।