उत्तरकाशी के ठान्डी और जालग गांव नवयुवकों ने पर्यावरण संरक्षण की मिशाल कायम की है। समाजिक एकता परिवार के बैनर तले युवाओं ने बीज बम का अभियान चलाकर जंगलों में बीज बम छोड़े। जो बहुत जल्दी अंकुरित होकर पौधे फिर पेड़ के रूप में पनपेंगे और पर्यावरण सुरक्षा में अपना योगदान देंगें।
कारोना महामारी में बेरोजगार हुए नवयुवक अपने गांवों में आए हुए हैं। इस खाली समय का बेहतर उपयोग करते हुए उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने का निर्णय किया। युवा साथियों ने बीज बम बनाने का निर्णय किया। इन बीज बमों में बहुत सारे बीज फलदार पौधों के भी हैं। चूंकि जंगली जानवर गांव में आकर खेती का नुकसान करते हैं, यदि उन्हें जंगलों में ही भोजन मिल जाए तो गांव में नुकसान नहीं करेंगे। इसके साथ पर्यावरण संरक्षण की सोच के साथ युवाओं ने यह अभियान चलाया है।
द्वारिका प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में अभियान शुरू किया गया था। 2017 से शुरू किया गया अभियान अब आगे बढ़ता जा रहा है। सामाजिक एकता परिवार भी आपना सायोग दे रहा है। इन बीज बमों में कद्दू, खीरा, मक्की, विनस आदि के साथ अन्य पौधों के बीज भी शामिल हैं। अभियान के तहत 5000 बीज बम तैयार किए गए।
रिपोर्ट-सोबन सिंह समाजिक एकता परिवार ठान्डी से उत्तरकाशी