रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट।
थराली। इस विकासखंड के अंतर्गत सोल क्षेत्र एवं ब्लाक मुख्यालय थराली से पैदल एवं सड़क मार्ग से पूरी तरह से पिछले चार दिनों से कटे रतगांव को आने जाने के लिए पैदल मार्ग बनाने की कवायद शुरू हो गई हैं। इसके तहत तहसील प्रशासन थराली डीडीआरएफ,जिला पंचायत एवं इस क्षेत्र के डुग्री,बुंगा, बुरसोल,गेरूड, रूईसाण,कोलपूणी के साथ ही आपदा पीड़ित रतगांव के ग्रामीण जुटे हुए हैं। थराली के तहसीलदार प्रदीप नेगी ने बताया कि मौसम अनुकूल रहा तों गुरुवार की देर रात तक पैदल रास्ता बना लिया जाएगा।
रविवार की रात प्राणमती नदी में आएं जल सैलाब के कारण रतगांव को यातायात से जोड़ने वाली बेलीब्रज प्राणमती नदी में बह गया था।उसी रात से रतगांव के हजारों ग्रामीणों का पैदल एवं सड़क संपर्क देश के अन्य भागों से पूरी तरह से कट गया था। बुधवार को प्रशासन की टीम ने थराली के उपजिलाधिकारी रविंद्र जुवांठा के नेतृत्व में देवाल के वांण गांव तक पैदल रस्ते की व्यवस्था करने के बाद गुरुवार को एसडीएम के नेतृत्व में थराली के तहसीलदार प्रदीप नेगी, राजस्व निरीक्षक जगदीश प्रसाद गैरोला, उपनिरीक्षक राजेश्वरी नेगी,अपर जिला पंचायत अधिकारी राजेंद्र कठैत,अवर अभियंता प्रदीप भंडारी के अलावा डीडीआरएफ की टीम थराली से तड़के रतगांव के लिए रवाना हो गई थी। प्राणमती नदी में लकड़ी का अस्थाई पुल बना कर रतगांव के लिए पैदल रास्ता बनाने के प्रयास समाचार लिखे जाने तक जारी हैं। किंतु नदी में पानी अधिक होने के साथ ही बहाव तेज होने के कारण अपेक्षित सफलता नही मिल पा रही हैं। इधर अवरूद्ध थराली-घाट मोटर सड़क चौथे दिन भी बंद पड़ी हुई हैं। पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग डिविजन के द्वारा यहां पर दो जेसीबी मशीन तैनात की गई हैं। किंतु सड़क के वासआउट होने के कारण बिना बड़ी मशीन एवं कंप्रेशर मशीन के जल्द सड़क खुलने की कम संभावना है।
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थराली। थराली-देवाल-वांण स्टेट हाईवे के किमी 44 में जल्द मार्ग यातायात के लिए खुल पाना कठिन दिख रहा हैं। लोनिवि थराली के सहायक अभियंता निरंजन सिंह रावत ने बताया कि कुलिंग -वांण के बीच बुरकोट गद्देरे में अभी भी जलस्तर काफी बढ़ा है। जलस्तर घटने के बाद यहां पर वायरक्रेड डाल कर मार्ग को खोला जाएगा। इससे करीब 100 आगे चट्टानी भाग में करीब 35 मीटर लंबी एवं 8 मीटर ऊंची दीवार लगाने के बाद ही मार्ग पर यातायात बहाल किया जा सकता है धनराशि की प्रति आशा में जल्द ही निविदा आमंत्रित किए जाने की तैयारी की जा रही हैं।उधर प्राणमती नदी से बह गए थराली से थराली -सूना मोटर पुल एवं पैदल पुल के बाद थराली गांव,सूना,ईड़ा भैसखान आदि गांवों के ग्रामीणों ने लोनिवि थराली के साथ मिलकर प्राणमती नदी के ऊपर लकड़ी का पैदल अस्थाई पुल बना कर पैदल आवागमन शुरू कर दिया है। जिससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली हैं।