कोटद्वार। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद पौड़ी गढ़वाल कु.पी. रेणुका देवी द्वारा समस्त अधिकारी व कर्मचारियों को अपने.अपने क्षेत्रान्तर्गत अधिक से अधिक वृक्षारोपण करते हुए पर्यावरण की गुणवत्ता सुधारने के लिये प्रेरित कर, जन सहभागिता से पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिये कटिबद्ध होकर प्रयास करने एवं सभी को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए बताया कि हम प्रकृति की सुरक्षा के दृष्टि से वृक्षारोपण करेंगे, तो निश्चित रूप से प्रकृति का संरक्षण करने में सार्थक होंगें महोदय द्वारा पर्यावरण को जीवनशैली का अभिन्न अंग बनाते हुए पर्यावरण को साफ.सुथरा एवं हरा.भरा बनाने के लिए अपनी सहभागिता निभाते हुए स्वयं इसकी शुरूआत करते हुए वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया, जिस क्रम में समस्त थाना प्रभारियों द्वारा अपने थाना क्षेत्रान्तर्गत अपने अधिनस्थों के साथ मिलकर वृक्षारोपण किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी द्वारा पुलिस कर्मियों को निर्देशित किया गया कि उनके द्वारा लगाए गए पौधों की सुरक्षा, देखरेख की जिम्मेदारी भी पुलिस कर्मियों द्वारा स्वयं ली जाए ताकि उक्त वृक्षारोपण सही मायने में सफल हो सके। इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में जनपद पुलिस के कर्मियों के साथ.साथ अभिसूचना, फायर, संचार आदि के द्वारा भी प्रतिभाग कर वृक्षारोपण किया गया।
फलदार पौधों का रोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हुए उनके संरक्षण का लिया जिम्मा
कोटद्वार। प्रदेश महिला कांग्रेस महामंत्री श्रीमती रंजना रावत ने कोटद्वार स्थित गाड़ीघाट में विश्व पर्यावरण दिवस पर फलदार पौधे लगाकर पर्यावरण को बेहतर व संतुलित बनाने का संदर्श दिया। उन्होंने समस्त प्रदेश एवं देश वासियों को इस पर्व पर धरती को हरा.भरा बनाने हेतु मिश्रित पौध लगाने की अपील की। कांग्रेस नेत्री ने कहा कि आज कोविड महामारी में बीमारी ने खतरनाक रूप लिया, ऑक्सिजन की कमी से जन जीवन को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा, कहीं न कहीं प्रकृति का संतुलन बिगड़ा है, जिससे ऐसी भयावह बीमारी आई है। ऐसी स्थिति में मानव जीवन को सुरक्षित रखने हेतु मानव का प्रकृति के साथ बेहतर संतुलन बना रहना चाहिए।जितना अधिक पेड़ होंगे उतनी ही अधिक ऑक्सिजन मानव समाज को प्रकृति से उपहार स्वरूप मिलेगी। श्रीमती रंजना ने इस महामारी में मानव का प्रकृति, प्राणियों व समाज में एक दूसरे के साथ भी हर प्रकार से बेहतर सामंजस्य बनाये रखने की अपील की। इस अवसर पर श्रीमती रेखा गुसांई, पंडित सूरज कुकरेती, वन पर्यायवरण के सम्पादक कमल बिष्ट, मनोज नोडियाल आदि मौजूद रहे।












