उरगम घाटी(लक्ष्मण सिंह नेगी)। टगणी जाख देवता की रथ यात्रा पंच केदार घाटी के उरगम मैं पहुंच गई जाख देवता की अगवानी उरगम घंटाकरण की प्रतिनिधि महावीर सिंह राणा ने किया यात्रा 30 सितंबर 2022 से प्रारंभ हुई थी और अपने प्रथम चरण में चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के दर्शन करके कल्पेश्वर पहुंच गई है। 3 दिन तक यह रथ यात्रा उरगम घाटी के विभिन्न गांव में भ्रमण करेगी देव मिलन कार्य संपन्न कराया जाएगा। साथ में वर्षों की खुद भी मिटाई जाएगी।
जानकारों के अनुसार यह यात्रा 88 वर्षों के बाद संचालित की जा रही है दिन भर जाख देवता की रथ यात्रा में नृत्य का मंचन होता है रात्रि के समय में मुखोटे नृत्य का मंचन किया जाता है देव ऋषि नारद के द्वारा गांव गांव के कार्य एवं गांव की कमियां अच्छाइयां के बारे में जोरदार बखान किया जाता है जिससे कि गांव वालों को अपनी कमियों का एहसास हो सके जिस समय समाचार पत्र की व्यवस्था नहीं रही होगी उस समय इसी प्रकार से मनोरंजन के लिए भी लोग रात्रि के समय में मुखोटो का मंचन करते रहे होंगे इस मंचन में भी देवताओं के संवाददाता नारद अर्थात (वुरदेवा) अपने नृत्य का मंचन करता है उसके बाद गणेश, ब्रह्मा, बेदी, वेदा, कोडिया, क्षेत्रपाल, लाटी लाटा,गानी गाना, कनाडा देश का राजा, राम लक्ष्मण सीता हनुमान, ईश्वर मुखोटा (भगवान शंकर का मुखौटा) का मंचन किया जाता है। इस कार्यक्रम के दौरान नारद की शादी का भी मंचन किया जाता है। जब भगवान विष्णु ने उन्हें बंदर का मुंह बना दिया था और उसी श्राप से विष्णु को त्रेता युग में बदरो की सहायता लेनी पड़ी।
तमाम मुखोटो मंचन किया जाता है उसमें सिपाही का भी एक मुख्य नृत्य रहता है इस नृत्य में वीर रस की अधिकता रहती है ढोल वादों को में ही एक व्यक्ति इस कला का पूरा पारंगत होता है जिसे भान कहते हैं यह नृत्य शैली उत्तराखंड के जोशीमठ ,दशोली ब्लॉकों में मिलती है वैसे मुखौटा नृत्य अट्ठारह ताल अट्ठारह पत्रों के माध्यम से नृत्य का मंचन होता है यह शैली भी एक संकट के कगार पर पहुंचने वाली शैली में एक है दिन भर में जाख देवता अपनी भिक्षा का संग्रह करेगा रात्रि में इस तरह की मूखोटा का मंचन प्रस्तुति किया जाएगा इस यात्रा के दौरान 15 से 20 व्यक्ति होते हैं जो इस पूरे कार्यक्रम में निरंतर चलते रहते हैं 6 माह तक कार्यक्रम निरंतर जारी रहेगा प्रत्येक गांव में ग्राम सभाओं के द्वारा स्वागत सत्कार किया जाएगा 6 माह बाद 10 दिन का भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
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