थराली से हरेंद्र बिष्ट।
ग्राम पंचायत पैनगढ़ के भूस्खलन प्रभावितों पल्लाखोला तोक से लगे रूपतोली तोक की ओर भूस्खलन का दायरा बढ़ने से रूपतोली तोक के ग्रामीणों के साथ ही पल्लाखोला के रूपतोली तोक में स्थित प्राइमरी स्कूल सहित इसकी खाली पड़ी भूमि पर किए गए अस्थाई विस्थापित परिवारों के साथ ही रूपतोली तोक के ऊपर फिर से खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। जिससे गांव में दहशत एवं अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। आपदा शुरू होने के छठवें दिन भी पहाड़ी से पेड़, पत्थर, बोल्डरों एवं मलबे के गिरने का सिलसिला जारी है। प्रशासन ने अब पल्लाखोला तोक के साथ ही रूपतोली तोक के कुल 84 परिजनों के सुरक्षित विस्थापन की कार्ययोजना पर काम करना शुरू कर दिया है।
दरअसल पटवारी क्षेत्र क्षेत्र थराली के अंतर्गत पैनगढ़ आपदाग्रस्त गांवों में अचानक ही 21अक्टूबर से बिना बारिश साफ मौसम के बीच पूर्व से टूट रही पहाड़ी से बड़े-बड़े पेड़ों,बोल्डरों, पत्थरों एवं मलुवे की भारी बरसात होने लगी थी। जोकि समाचार लिखे जाने तक आज छठवें दिन भी जारी है। इसी दौरान दौरान 21 व 22 अक्टूबर की देर रात पहाड़ी से गिरे बड़े-बड़े बोल्डरों की चपेट में आने से एक मकान के जमिदोज हों जाने एवं इसमें रह रहे पांच में से दो महिलाओं एवं दो पुरूषों की दर्दनांक मौत हो गई थी। जबकि एक 15 वर्षीय युवक का अस्पताल में इलाज चल रहा हैं। जिसका दुःख आज तक भी ग्रामीण भुलाएं नही भुला पा रहे हैं।
उधर दरक रही पहाड़ी से छठवें दिन भी पल्लाखोला तोक की पहाड़ी से बड़े-बड़े पेड़ों, बोल्डरों, पत्थरों एवं मलुवे के गिरने का सिलसिला जारी है।दरक रहे पहाड़ का दायरा बढ़तें हुए पल्लाखोला से अस्थाई विस्थापित रूपतोली तोक की ओर बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण विस्थापितों के साथ ही रूपतोली तोक जिसे अबतक सुरक्षित माना जा रहा था के ग्रामीणों में भी दहशियत छाने लगी हैं। थराली के पटवारी चंद्र सिंह बुटोला ने बताया कि पहाड़ी से भूस्खलन का सिलसिला जारी है।इस क्षेत्र में अबतक आधे दर्जन से अधिक मकाने पूर्ण रूप से ध्वस्थ हों गए हैं। बताया कि क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए पल्लाखोला तोक के 47 परिवारों के साथ ही अब रूकतोली तोक के 37 परिवारों को विस्थापन की श्रेणी में सामिल किया जा रहा है। इस तरह से पैनगढ़ गांव के अब तक कुल 84 परिवार आपदा की श्रेणी में आ गऐ हैं। बताया कि पीड़ितों के पुनर्वास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। भूमि उपलब्ध होने पर पीड़ितों को विस्थापित किया जाएगा।
थराली के तहसीलदार प्रदीप नेगी ने बताया कि उन्होंने तीनों तहसीलों देवाल, थराली एवं नारायणबगड़ के 18 पटवारियों को अपने क्षेत्राअंतर्ग ऐसी सरकारी भूमि की पहचान कर रिपोर्ट देने को कहा जोकि प्रथम दृष्टया भूस्खलन की दृष्टि से सुरक्षित हों। उन्होंने बताया कि ऐसी भूमि मिलने के बाद पैनगढ़ सहित तहसील क्षेत्र के अंतर्गत अन्य भूस्खलन प्रभावित गांवों के पीड़ितों को उपलब्ध करवाई जा सकें। तहसीलदार नेगी ने बताया की सभी राजस्व उप निरीक्षकों से इसी माह रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
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