थराली से हरेंद्र बिष्ट।
महिलाओं, पुरुषों के द्वारा झोड़े चाचरी के गायन एवं पंडितों के वेदों उच्चारण के साथ प्रसिद्ध वांण स्थित लाटूधाम के कपाट बैसाख पूर्णिमासी के पर्व पर आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ आगामी 6 माह के लिए खुल गए हैं। कपाटोद्घाटन के मौके पर भारी संख्या में मां नंदा भगवती के भक्तों के साथ ही लाटू देवता के भक्तों ने शिरकत करते हुए पूजा.अर्चना कर नंदा.लाटू से मनौतियां मांगी।

प्रति वर्ष मांग सीस माह की पूर्णिमासी के दिन चार धामों की तरह ही लाटू धाम के कपाट भी आम श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल के लिए बंद होने की पंरपरा चली आ रही हैं जोकि अब भी कायम है। इसके कपाट बैसाख पूर्णिमासी के दिन श्रद्धालुओं के लिए खुलते हैं। इस साल भी आज शनिवार को देवाल के वांण स्थित लाटू धाम के कपाट विधि.विधान के साथ खोले गए। प्रातःकाल से ही भारी संख्या में वांण में भक्तों का जुटना शुरू हो गया था।
सुबह से ही धाम में पंडित रमेश कुनियाल, हरि दत्त कुनियाल एवं उमेश कुनियाल के द्वारा पूजा.अर्चना शुरू कर दी जबकि वांण मंदिर कमेटी के अध्यक्ष कृष्णा सिंह, उपाध्यक्ष हीरा सिंह पहाड़ी, प्रधान पुष्पा देवी, क्षेपंस रामेश्वरी देवी, महिला मंगल दल अध्यक्षा नंदी देवी, चंद्रा देवी, कौशल्या देवी, धमंती देवी, नव युवक मंगल दल के देवेंद्र पंचोली, पूर्व प्रधान उखा देवी गीतौर नंदा, लाटू के झोडो के विशेष गायक हुक्म सिंह, बीरबल सिंह, महिपाल सिंह, हरपाल सिंह, बग्तावर राम, भवान राम आदि के नेतृत्व में झोड़े चाचरी के गायन के बीच दोपहर करीब 12 बजें मंदिर के मुख्य पुजारी खीम सिंह बिष्ट ने धाम के कपाट को खोलते हुए उसके अंदर के गर्भगृह को कुछ ही देर के लिए खोल कर पूजा.अर्चना की।और गर्भगृह के कपाटों को बंद कर दिया। जबकि बहार के कपाट को अगले 6 माह के लिए पूजा अर्चना के लिए खोल दिया गया हैं।जिस दौरान धाम के कपाट खोले गए उस समय कई महिलाओं एवं पुरुषों पर नंदा, लाटू सहित अन्य देवी, देवता अवतारित हुए। वे देर तक ढोल.नगाड़ों की थाप पर नाचते रहे। इस दौरान देवाल की पूर्व प्रमुख उर्मिला बिष्ट, जिपंस कृष्णा बिष्ट, कांग्रेस नेता महावीर बिष्ट आदि ने विशेष पूजा में भाग लिया।












