उत्तराखंड राज्य आंदोलन की अग्रणी, पृथक राज्य उत्तराखंड व राज्य की स्थायी राजधानी गैरसैण घोषित करने कों लेकर अनेको बार आमरण अनशनकारी बाबा मोहन उत्तराखंडी कों उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा उनकी 17 वीं पुण्यतिथि पर याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी |
पार्टी कार्यालय 10कचहरी रोड़ देहरादून मे श्रद्धांजलि सभा करते हुए बाबा मोहन उत्तराखंडी कों याद किया गया | श्रद्धांजलि देते हुए दल की केंद्रीय अध्यक्ष श्री काशी सिंह ऐरी जी ने कहां कि बाबा मोहन उत्तराखंडी राज्य की जीवट योद्धा थे जो लगातार संघर्ष और आंदोलनों से जुड़े रहे, उनके संघर्ष कों कभी भुलाया नहीं जा सकता | पृथक उत्तराखंड राज्य और स्थायी राजधानी गैरसैण की लिए अनेकों बार कई दिनों तक आमरण अनशन किया |
उनकी इस शहादत कों हमेशा याद किया जायेगा| उन्होंने कहा की उत्तराखंडी जी की शहादत कों राज्य निर्माण बनाने व उनके स्वप्न कों पूरा करने का कर्तव्य अब उत्तराखंड क्रांति दल की हैं, जिस बेनीताल में उत्तराखंडी जी ने आमरण अनशन किया था उस जगह कों एक भू माफिया ने कब्जा सरकार के संरक्षण में किया जा रहा हैं| उक्रांद ऐसे माफियाओ कों राज्य से खदेडगा|
बाबा मोहन उत्तराखंडी का जन्म सन 1948 में काळजीखाल पौडी गढ़वाल स्व0 श्री मनोहर सिंह नेगी की यहां पुत्र रूप में हुआ|बंगाल इंजीनियर ग्रुप में क्लर्क की नौकरी की |11जनवरी 1997 कों पहली पृथक उत्तराखंड की लिए लेंसडाउन देविधार मे भूख हड़ताल की |
उन्होंने अपने जीवन मे 13 बार भूख हड़तालें लम्बे लम्बे समय तक किये, आखिरी भूख हड़ताल बेनीताल चमोली मे 2 जुलाई 2004 कों गैरसैण कों स्थायी राजधानी घोषित करने कों लेकर शुरू की 8अगस्त 2004 कों चमोली जिला प्रशासन ने अनशन स्थल से उठाकर हॉस्पिटल भर्ती किया इसी मध्य रात्रि कों उन्होंने आखिरी सांस ली| श्रद्धांजलि सभा में सर्व बी डी रतूड़ी,सुरेन्द्र कुकरेती, ए पी जुयाल, लताफत हुसैन, सुनील ध्यानी, जय प्रकाश उपाध्याय, के एन डोभाल, किशन सिंह मेहता, बहादुर रावत, उत्तम रावत, विरेंद्र रावत, राजेंद्र प्रधान, डॉ बी के ओली,दीपक रावत, गणेश काला, राजेंद्र नौटियाल, नरेश बोठियाल, अनूप पंवार,किरन रावत, दीपक मधवाल, सोमेश बुड़ाकोटी, कैलाश भट्ट आदि उपस्थित थे|