

फोटो—
01-टनल के अन्दर मलबे से निकलता शव।
02-रैणी मे सेना के द्वारा बनाए गए अस्थाई पुल से आवागमन करते हुए।
03-सुरंग के अन्दर से पानी बाहर निकालने के लिए अब दो पाइप लगाए गए है।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। प्ंांप द्वारा टनल से पानी व मलबा कुछ हद तक साफ होने के बाद बृहस्पतिबार को दो और शव टनल से मिले हैं। इस तरह टनल से अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं। जबकि एक लापता स्थानीय महिला का शव रैणी में भी मिला है।
बीते रोज टनल में पानी व मलबे की ज्यादा मात्रा होने के कारण कोई भी शव नहीं मिल सका था। तब टनल से पानी व मलबा बाहर करने के लिए पंप लगाया था। इसके बाद हाॅलाकि मलबा अभी भी काफी है, लेकिन पानी पंप से बाहर आने के कारण राहत कर्मियो को मलबे में शवों की तलाश मंे आसानी हुई। और बृहस्पतिबार को दो शव व एक मानव अंग टनल से मिला। इनके अलावा रैणी मे भी एक स्थानीय महिला का शव नदी के उस तरफ मिला है। टनल मे बृहस्पतिबार को मिल दोनांे शवों की पहचान जगदीश तोमर,निवासी कालसी-देहरादून तथा बिक्की भगत निवासी-झारख्ंाड के रूप मे हुई है। जबकि रैणी मे मिली महिला माधी देवी पत्नी चैत सिंह जुगजू-रैणी की निवासिनी है।
इधर टनल मे अभी भी मलबा व पानी हटाने का काम जोरो पर चल रहा हैं, लेकिन पहले ही दिन से जिस 180मीटर प्वाइंट पर पंहुचने के लिए जददोजहद हो रही है,वहाॅ तक 12वे दिन मे भी नही पंहुचा जा सका। इसी स्थान पर घटना के दिन 35लोग कार्य पर मौजूद बताए जा रहे हैं। लेकिन इस रहस्मय स्थान तक पंहुचने के लिए अभी भी 18मीटर का फासला रह गया है। बताया जा रहा है कि अब तक करीब 162 से 165मीटर तक मलबा हटा लिया गया है। लेकिन टनल मे पानी व मलबा अत्यधिक होने के कारण वहाॅ पंहुचना मुश्किल हो रहा है। अब दो पंपो से पानी बाहर निकाला जा रहा है।
दूसरी ओर रैणी मे सेना की बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप द्वारा निर्मित अस्थाई पैदल पुल से आवाजाही शुरू हो गई है। इस पुल के तैयार हो जाने के बाद बीते 12दिनो से रैणी पल्ली, लाता, सुराईथोटा, भलगाव आदि गाॅवो का आवागमन शुरू हो गया है। बीआरओ का वैली ब्रिज निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।












