रिपोर्टर-प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। हिमालायीय विश्वविद्यालय परिसर में पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री व वर्तमान हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, डॉक्टर संतोष कुमार प्रोफ़ेसर राष्ट्रीय आपदा प्रबंध संस्थान एवं अध्यक्ष आपदा प्रबंधन विश्वविद्यालय संघ, कुलपति डॉ जे पी पचौरी, प्रतिकुलपति डॉक्टर राजेश नैथानी समेत अन्य फ़ैकल्टी के बैठक आहूत हुई।
रविवार को हुई बैठक में आपदा प्रबंधन के पाठ्यक्रमों को चलाए जाने और केंद्र सरकार और राज्य सरकार के साथ एमओयू किये जाने के संबंध में व्यापक चर्चा हुई। डॉ कुमार ने कहा क़ि आज देश में आपदा प्रबंधन शिक्षा की बड़ी सम्भावनाएँ सर्टिफ़िकेट कोर्स एवं डिप्लोमा चलाए जाने पर सहमति बनी।
विश्वविद्यालय में आपस प्रबंधन केंद्र के सेंटर ओफ़ एक्सलेन्स स्थापित करने पर बात हुई। नैनीताल स्थित प्रशासन प्रशिक्षण अकादमी एवम उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग का सहयोग भी लिया जाएगा। इस अवसर पर भूगोल शास्त के जाने माने वैज्ञानिक डॉक्टर पुरोहित, कुलसचिव निशांत जैनए नर्सिंग और आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य ने भी प्रतिभाग किया।
सांसद डॉ निशंक ने पर्यावरण के साथ संतुलन की बात कही। साथ ही कहा की मौजूदा विकास की अवधारणा को धरातल पर उतारने के लिए पर्यावरण को केंद्र में रखना पड़ेगा। बैठक में डॉ रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा स्वलिखित पुस्तकें प्रलय के बीच केदारनाथ त्रासदी और आपदा के वह भयावह दिन उपस्थित अतिथियों को भेंट की गई।