ज्योतिर्मठ, 18जून।
श्रीमदभागवत कथा प्रवचन करते हुए आचार्य डॉ प्रदीप सेमवाल ने कहा कि श्रीमदभागवत महापुराण मे सत्य को महत्वपूर्ण माना गया है, श्रीमदभागवत भगवान का ही स्वरूप है और सत्य जीवन का आधार है। सत्य का पालन करने से मनुष्य को सुख और आनंद की प्राप्ति होती है।
ज्योतिर्मठ नगर के डाडों मे आयोजित श्रीमदभागवत कथा के द्वितीय दिवस कथा ब्यास आचार्य सेमवाल ने श्रीमदभागवत के पहले श्लोक मे सच्चिदानंद शब्द का बेहद तार्किक वर्णन करते हुए कहा कि सत, चित, धन और आनंद से मिलकर ही सच्चिदानंद शब्द बना है अर्थात सत्य बोलने व भगवान मे चित लगाने से मनुष्य को धन और आनंद दोनों की प्राप्ति हो जाएगी।
आचार्य सेमवाल ने राजा परीक्षित की सभा मे सुखदेव जी महाराज के पहुँचने का वर्णन करते हुए कहा कि राजा परीक्षित को भी सुखदेव जी महाराज ने श्रीमदभागवत कथा श्रवण से ही मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होने का सुझाव दिया, उन्होंने कहा कि श्रीमदभागवत कथा मनुष्य को भक्ति, ज्ञान व वैराग्य का महत्व सिखाती है।
कथा श्रवण हेतु ज्योतिर्मठ नगर व आस पास के क्षेत्रों से भी लोग पहुँच रहे हैं, कथा के मुख्य यजमान अशोक एवं अमित सती द्वारा कथा श्रवण के लिए पहुँच रहे श्रोताओं का आदर सत्कार किया जा रहा है।
कथा के तृतीय दिवस गुरुवार को शिव पार्वती विवाह सहित अन्य प्रसंगो पर कथा प्रवचन होंगें।