
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में दो बेटियों ने अपने पिता की हार का बदला लिया है। हरिद्वार ग्रामीण से अनुपमा रावत अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कोटद्वार से ऋतु भूषण खंडूड़ी ने अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की हार का बदला लिया है।
ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कोटद्वार सीट से सुरेंद्र सिंह नेगी को हराया है। ऋतु भूषण खंडूड़ी को 20285 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी को 16487 वोट मिले हैं। गौरतलब है कि 2012 के चुनाव में सुरेंद्र सिंह नेगी ने ऋतु भूषण खंडूड़ी के पिता पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी को हराया था। उनकी हार से भाजपा सरकार बनाने से वंचित रह गई थी। भाजपा तब खंडूड़ी है जरूरी के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी।
हरिद्वार ग्रामीण से अनुपमा रावत ने भाजपा के यतीश्वरानंद को हराया है। 2017 के चुनाव में यतीश्वरानंद ने उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को हराया था। अनुपमा रावत को 50028 वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वदी भाजपा के यतीश्वरानंद को 45556 वोट मिले हैं। अनुपमा ने इस तरह अपने पिता की हार का बदला भाजपा प्रत्याशी से लिया है। लेकिन हरीश रावत इस बार भी लालकुआं सीट से चुनाव हार गए।
ऋतु भूषण खंडूड़ी भाजपा की उम्मीदवार हैं, उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेंद्र नेगी को हराया है, जबकि अनुपमा रावत कांग्रेस प्रत्याशी हैं, उन्होंने भाजपा प्रत्याशी यतीश्वरानंद को हराया है। जब नामांकन की प्रक्रिया चल रही थी, तब यह बात सामने आई कि दो बेटियों के सामने अपने पिता की हार का बदला लेने का मौका आया है। दोनों ने इस मौके पर अपने पिता को हराने वाले को पराजित कर राजनीतिक बदला ले लिया। इसीलिए कहा जाता है कि पिता का नाम केवल बेटा नहीं, बेटी में उंचा करती है। दो बेटियों ने इस चुनाव में यह साबित किया है।












