रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
उत्तराखंड में लोगों ने कभी सोचा था कि हमारे पहाड़ों में भी रेल आये और हमें सड़कों की बदहाली के धक्कों से निजात मिलेगी। ऐसा ही नहीं हर चुनावों में रेल लाइन की भी मांगें यहाँ के वोटरों व नेताओं ने भी पुरजोर तरीकों से उठाई थी। मगर ऐसा कभी सोचा नहीं था कि जिस बड़े रेल विकास की हम आवाज व माँग उठा रहे हैं, उसी के चलते हमें अपनी जमीनों से वेघर भी होना पड़ेगा। यह भी सत्य है कि विकास के साथ.साथ कुछ विनाश भी सहना पड़ सकता है।
वहीं रोजगार और मुआवजे की मांग को लेकर मवाणा.सौड़ नगरासू के ग्रामीणों ने रेलवे प्रोजेक्ट का काम रुकवा दिया है। पिछले दो दिन से गांव की महिलाएं और युवा धरने पर बैठी हुई हैं। वही देर शाम तक कंपनी के अधिकारियों के साथ ग्रामीणों की वार्ता चलती रही।
रोजगार और मुआवजे की मांग को लेकर पिछले दो दिन से महिलाएं और युवा मवाणा.सौड़ में धरने पर बैठी हुई हैं।धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि रेलवे प्रोजेक्ट में उनकी जमीन और मकान अधिग्रहित की गई है।अब उनके पास न तो जमीन है और न रहने के लिए मकान। उनके बच्चों को रोजगार भी नहीं दिया जा रहा है। रोजगार के नाम पर पिछले डेढ़ वर्ष से गुमराह किया जा रहा है। अब कार्य तभी शुरू करने दिया जाएगाएजब उनके बच्चों को रोजगार मिलेगा।साथ ही साथ कुछ प्रभावित ऐसे भी हैं जिनकी जमीन और मकान का मुआवजा तक नहीं दिया गया है।धूल के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। लोगों की मकानें और फसलें खराब हो रही है।
युवाओं का कहना है कि रेलवे निर्माण के चलते उन्हें उम्मीद थी कि अब उन्हें रोजगार मिलेगाएलेकिन स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के बजाय बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है।
ग्रामीण महिला विनीता राणाएचंकी देवीएबसंती देवीएविक्रम राणाएदिनेश राणा का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती हैएउनका यह आंदोलन जारी रहेगा। बेरोजगारों को उनकी योग्यतानुसार रोजगार मिलना चाहिए। प्रभावितों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी मिलनी चाहिए।
वहीं आंदोलन को समर्थन देने पहुँचे उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने रेलवे के अधिकारियों से वार्ता कर उन्हें मौके पर बुलाया। उन्होंने अधिकारियों को जल्द स्थानीय युवाओं को रोजगार देने को कहा। अन्य समस्याओं को भी गंभीरता से दूर करने को कहा। मोहित डिमरी ने कहा कि ग्रामीणों की सभी मांगे जायज हैं। लोग अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस लड़ाई में उत्तराखंड क्रांति दल उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। आज लोगों की जमीन और मकान रेलवे ने अधिग्रहण कर दिया है। अब लोगों के पास कुछ नहीं बचा। स्थानीय लोगों के साथ अन्याय किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर उक्रांद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत चौहान ने कहा कि रेलवे कंपनी ग्रामीणों का शोषण कर रही हैं। उनके हक पर डाका डाला जा रहा है। जिसके खिलाफ उक्रांद भी मुखरता से आवाज उठाएगा।