अल्मोड़ा। भैंसियाछाना विकास खंड के तल्ली रीठागाड़ क्षेत्र में सिंचाई विभाग की उदासीनता से गुस्साई महिलाओं ने अब स्वयं सिंचाई नहर बनाने का जिम्मा उठा लिया है। महिलाओं ने इसके लिए जैगन नदी के पास पत्थर एकत्र कर उपजाऊ क्षेत्र मंगलता सेरा तक पानी पहुंचाने की ठान ली है।
भैंसियाछाना का मंगलता सेरा क्षेत्र काफी उपजाऊ है। यहां के लोग इस क्षेत्र में खेती बाड़ी कर जैसे तैसे अपना गुजर बसर करते हैं। लेकिन इस क्षेत्र के सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने वाली सिंचाई नहर कुछ समय पूर्व से आपदा के कारण क्षतिग्रस्त है। ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कई बार इस नहर का निर्माण करने की मांग की। लेकिन ग्रामीणों की मांग पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
लंबी उपेक्षा के कारण जब ग्रामीणों की खेती प्रभावित होने लगी तो क्षेत्र के महिला संगठन ने खुद जैगन नदी से मंगलता सेरा के लिए नहर बनाने की ठान ली। बीते दिनों महिलाओं ने नहर निर्माण का कार्य शुरू भी कर दिया है। महिलाएं अपने दैनिक कार्य निपटाकर इन दिनों जैगन नदी से नहर निर्माण के लिए पत्थर एकत्र कर रही हैं। महिला संगठन की अध्यक्ष हेमा भट्ट ने कहा है कि सिंचाई विभाग से कई बार की वार्ता के बाद भी कोई पहल नहीं हुई, तो महिलाओं ने खुद ही नहर बनाने का जिम्मा संभाल लिया है।
उन्होंने कहा है कि शीघ्र ही नहर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नहर के निर्माण के बाद मंगलता और डूंगरलेख के सौ से अधिक परिवारों को इसका फायदा मिलेगा। इधर रीठागाड़ी संघर्ष समिति के प्रताप सिंह नेगी ने महिलाओं की इस पहल को सराहनीय बताया है।
नहर निर्माण में माया देवी, जानकी वाणी, बसंती वाणी, सुमन, चंपा, लीला देवी, रेबा भट्ट, दीपा भट्ट, गंगा भट्ट, कमला, कविता, हरूली देवी, जानकी देवी आदि महिलाएं सहयोग कर रही हैं।