अल्मोड़ा । उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार सुनियोजित रूप से समूह ग व घ की भर्तियों में प्रदेश के बरोजगारों के हक पर डाका डाल रही है। उपपा कार्यालय में आज हुई बैठक में पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि राज्य की जमीनों की खुली खरीद फरोख्त की छूट देने के बाद अब उत्तराखंड अधीनस्थ सिविल न्यायालय लिपिक वर्गीय अधिष्ठान नियमावली में संशोधन कर समूह ग के पदों पर भर्ती होने के लिये राज्य के रोजगार दफ्तरों में पंजीकरण की अनिवार्यता खतम कर रही हैं
उउपा कार्यालय में हुई बैठक में पार्टी ने कहा कि बेरोजगारी व मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण राज्य में पलयान भाषण समस्या बन चुका है। ऐसे में समूह ग व घ के पदों को भी अखिल भारतीय स्तर पर संविदा करने की छूट का साफ मतलब है सरकार को राज्य के युवाओं बेरोजगारों की कोई चिंता नही है। उपपा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रहेते हुये लखनऊ की सरकारों ने विकेंद्रीकृत राज आज्ञा जारी कर जिला मंडल व उत्तराखंड विभिन्न समूहों का केडर तय किया था पर राज्य बनने के बाद स्थितियां बहुत खराब कर दी गई है। जिसे सहन नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्य की मांग के लिए आंदोलन भी इन स्थितियों की ही देन है पर राज्य बनने के बाद परिसीमा लागू कर पर्वतयी क्षेत्रों को राजनीति प्रभु सत्ता कम की गई और अब राज्य के प्राकृतिक संसाधनों व रोजगार पर डाका डाला जा रहा है जिनका उपपा कड़ा विरोध करती है। बैठक की अध्यक्षता आनंदी वर्मा ने किया। बैठक में शाकिर, गोपाल राम, सीमा, रेखा, कमलेश सहित उपपा कार्यकर्ता मौजूद थे।