फोटो-सडक विहीन सूकी-भलगाॅव।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। स्वीकृति के 28 वर्ष बीतने के बाद भी सडक की वाट जोह रहे सीमंात सूकी-भलगाॅव व तोलमा के ग्रामीण। अब रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ आंदोलन का मन बना रहे हंै सीमांतवासी।
भारत-तिब्ब्त सीमा से सटे नीती घाटी के सूकी,भलगाॅव व तोलमा के ग्रामीणों यूॅ तो आजादी के बाद से ही सडक की वाट जोह रहे है। लेकिन वर्ष 1962 भारत-चीन युद्ध के बाद जब तिब्बत ब्यापार तक बंद हुआ तो सीमांन्त नीती घाटी मे एक बारगी विकास की वयार भी बहने की उम्मीद जगी। ऐसा हुआ भी सडको के निर्माण की शुरूवाता भी हुई। शिक्षण संस्थाओं व चिकित्सालयों का भी निर्माण हुआ लेकिन नीती घाटी के कतिपय जनजाति बाहुल्य गाॅव आज भी सडक का इंतजार कर रहे है।
नीती घाटी के ही सूकी, भलगाॅव व तोलमा गाॅव के ग्रामीण निंरतर सडक की मांग कर रहे है। और ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 1992 मे सडके स्वीकृत भी हुई लेकिन स्वीकृति के 28वर्ष बीतने के बाद भी सडक नही बन सकी। वन अधिनियम की प्रक्रियाएं पूरी करने मे संबधित विभागों को 28वर्ष का समय लग गया। सीमांत ग्रामीणों को उम्मीद थी कि राज्य गठन के बाद तो सडक का कार्य त्वरित गति से होगा। लेकिन राज्य बने भी 20वर्ष हो चुके है लेकिन ग्रामीण आज भी मुख्य सडक मार्ग से मीलों पैदल जाने के लिए विवश है।
सडक की वाट जोह रहे सीमांत ग्रामीणों के पास अब 2022 मे होने वाले चुनाव बहिष्कार के अलावा कोई चारा भी नही रह गया। सूकी-भलगाॅव के प्रधान लक्ष्मण सिंह बुटोला ने जिलाधिकारी को पत्र देकर सूकी-भलगाॅव व तोलमा सडको की स्वीकृति से लेकर अब तक हुई कार्यवाहियों की विस्तार से जानकारी देते हुए यथा शीध्र सडक निर्माण कार्य शुरू कराने की गुजारिश करते हुए आंदोलन की चेतावनी भी दी है। पत्र की प्रति लोनिवि व जनजाति आयोग को भी प्रेषित की गई है।
ग्राम प्रधान लक्ष्मण बुटोला ने कहा कि सीमांत ग्रामीणों की मांगो को वर्षो से अनसुना किया जा रहा है। स्वीकृति के 28वर्ष बाद भी सडक का कार्य शुरू ना होना अब तक की सरकारो का सीमांत के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया ही रहा है। कहा कि अब चुनाव बहिष्कार ही अंतिम विकल्प रह गया है। इस पर ग्रामीणों मे विचार मंथन शुरू हो गया है।
संपर्क करने पर लोनिवि के ईई डीएस रावत ने बताया कि वन अधिनियम के कारण सूकी-भलगाॅव सडक का मामला लंबित था, अब डीएफओ स्तर से पत्रावली हस्ताक्षर होकर उनके पास पंहुच गई है, शीध्र ही जिलाधिकारी के माध्यम से नोडल अधिकारी को प्रेषित की जाऐगी। ईई श्री रावत के अनुसार तोलमा गाॅव के लिए तीन कि0मी0 सडक स्वीकृत हुई थी जिस पर डेढ किमी0 सडक का कटिंग कार्य किया जा चुका है। शेष कार्यो के लिए रिवाइज एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। शासन स्तर से स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाऐगा।