थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पारंपरिक कृषि संयंत्रों के उत्पादन को बढ़ावा दे कर कुटिर उद्योग के रूप में इसे विकसित करने के प्रयासों के तहत कृषि विभाग के सहयोग से स्थानीय लोहारों की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें पारंपरिक लोहा कारोबार को पुनर्जीवित करने पर बल दिया गया।
विकासखंड देवाल के सभागार में ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू की अध्यक्षता में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि पिछले कुछ समय से स्थानीय किसानों को बड़े-बड़े कारखानों से तैयार कुदाल,दारांती सहित तमाम कृषि संयंत्रों का आवंटन किया जा रहा हैं। जिससे स्थानीय लोहारों की परंपरागत आजीविका पर संकट छाने लगा हैं। वक्ताओं ने कहा कि कारखानों में तैयार किए गए कृषि संयंत्र हालांकि सस्तें एवं आकर्षक तो होते हैं, किंतु अधिकांश संयंत्र यूज एंड थ्रों होते हैं।
जबकि पारंपरिक कृषि औजारों की कराई करवा कर लंबे समय तक उनका उपयोग किया जा सकता हैं। ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू ने कहा कि परंपरागत कृषि औजारों को स्थानीय लोहारों से तैयार करवा कर कृषि विभाग के सहयोग से किसानों में वितरण करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय लोहारों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से लोहारों की आजीविका को भी बढ़ाया जा सकता हैं। प्रमुख ने इसके लिए उन्हें हरसंभव आर्थिक एवं तकनीक सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी आशीष चौहान ने कहा किकृषि विभाग किसी भी फर्म अथवा व्यक्ति को 50 प्रतिशत सब्सीडी दें कर कृषि औजार खरीदता हैं। स्थानीय आधार पर उत्पादित औजारों को वरियता के साथ खरीदा जा सकता हैं। जिससे आम लोगों को अधिक से अधिक रोजगार दिया जा सकता हैं।इस अवसर पर प्रधान संघ के ब्लाक अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बिष्ट,पूर्णा प्रधान मनोज राम, अरविंद भंडारी,क्षेपंस पान सिंह गड़िया,ग्राम विकास अधिकारी दिलमणी जोशी आदि ने विचार व्यक्त किए।