थराली से हरेंद्र बिष्ट।
तो क्या अब थराली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नंदप्रयाग-घाट मोटर सड़क के सुधारीकरण एवं उसे डेढ़ लेन किए जाने की मांग को लेकर चल रहे जन आंदोलन के बाद अब पिंडर घाटी में भी थराली-देवाल-लोहाजंग-वांण मोटर सड़क के सुधारीकरण एवं हाट मिक्सिंग किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू हो सकता है? उपजिलाधिकारी थराली को सौंपे गए एक ज्ञापन से तो कुछ यही अनुमान लगाया जा रहा हैं। इस ज्ञापन में 45 दिनों के अंदर मांग पूरी नही होने पर जन आंदोलन की स्पष्ट चेतावनी दी गई है।
तहसील कार्यालय थराली में जिला पंचायत सदस्य हाटकल्याणी वार्ड कृष्णा बिष्ट के नेतृत्व में मिले एक शिष्टमंडल ने उपजिलाधिकारी सुधीर कुमार को एक ज्ञापन सौंपा गया है। जिसमें कहा गया है कि थराली-देवाल-लोहाजंग-वांण मोटर सड़क जहां एक ओर प्रसिद्ध लाटू धाम तक पहुंचने के लिए एकमात्र मोटर सड़क हैं, वहीं इसी सड़क से ही विश्व के प्रसिद्ध स्थलों में सुमार रूपकुंड, होमकुंड के अलावा पर्यटक स्थल भैकलताल, ब्रहमताल आदि स्थानों को जाने वाला एक मात्र सुगम मोटर सड़क है। इसके अलावा यह मार्ग देवाल एवं थराली ब्लाकों की करीब 80 से 90 गांवों को जिला मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों से जोड़ने वाली एक मात्र सड़क है। ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान में इस सड़क की स्थिति बेहद ही दयनीय बनी हुई है। कहा है कि विगत तीन वर्ष पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने थराली से वांण तक मोटर सड़क का सुधारीकरण कर इस का हाट मिक्सिंग करने की सार्वजनिक घोषणा की थी, जोकि आज तक भी धरातल पर नहीं उतर पाई है। जिससे क्षेत्रीय जनता में रोष व्याप्त है। ज्ञापन के माध्यम से जन प्रतिनिधियों ने तत्काल सड़क को ठीक ना किए जाने एवं इसका हाट मिक्सिंग ना किए जाने पर जन आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन की प्रतियां मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक एवं जिलाधिकारी को भी भेजी गई हैं। इस शिष्टमंडल में मुंदोली के ग्राम प्रधान आनंद सिंह बिष्ट, देवाल के क्षेपंस प्रमोद मिश्रा, वाण मंदिर समिति के अध्यक्ष कृष्णा बिष्ट, धन सिंह बिष्ट, पूर्व जिपंस किशन दानू, भूवन बिष्ट, दर्शन दानू, नरेंद्र सिंह, नंदन पिमोली आदि मौजूद थे।
दरअसल पिछले तीन वर्षों पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नंदप्रयाग.घाट मोटर सड़क की तर्ज पर ही थराली.देवाल.वांण मोटर साड़क का सुधारीकरण करने के साथ ही इस का होड़ मिक्सिंग करने की घोषणा की थी। किंतु तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी घोषणा प्रधान नही चढ़ पाई हैं और करीब 52 किमी यह मोटर सड़क बद से बद्तर होती जा रही हैं। जिससे क्षेत्रीय जनता में लगातार रोष बढ़ता जा रहा हैं।