सत्यपाल नेगी/उत्तराखण्ड समाचार
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि कई दिनों से नंदा.गौरा योजना के लाभ पाने से वंचित रह गयी बच्चियों और उनके परिजनों के फ़ोन आ रहे थे।यह प्रश्न 6 बार बिभिन्न नियमों के तहत विधानसभा में उठा।
विधायक मनोज रावत ने बताया मैने स्वयं अन्य तरीकों के अलावा 2 बार नियम 58 में कार्यस्थगन प्रस्ताव के द्वारा नंदा.गौरा योजना के लाभ से बंचित रह गयी बच्चियों के दर्द और वेदना को विधानसभा में उठाया था।24अगस्त 2021 को अंतिम बार मेरे द्वारा नियम 58 में उठाये गए प्रश्न पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने आश्वासन दिया कि योजना के लाभ से वंचित हर बच्ची को लाभ मिलेगा।
मगर 3महीने बीत गए परंतु सरकार जिन लगभग 33 हजार बच्चियों के आवेदन जमा थे उनके लिए 50 करोड़ का इंतजाम नही कर पाई ।
जो बच्चियां टैब आवेदन करने से छूट गयी थी वे भी नए आवेदन के साथ पैन कार्ड और उनके आय प्रमाण पत्र की कठिन और अव्यवहारिक शर्तों के कारण आवेदन नही कर पा रही थी।
आज इसलिए अन्य सारे महत्वपूर्ण मामलों को छोड़ते हुए मैंने नियम 58 में माननीय विधायक आदेश सिंह चौहान के साथ इन सभी विषयों को उठाया।
आज फिर विधानसभा में इस मुद्दे पर हमारी जीत हुई।
वही माननीय मंत्री जी ने आश्वासन दिया कि..
1. धन की व्यवस्था आज पेश किए गए द्वितीय अनुपूरक बजट से की जाएगी।
2. अब आय प्रमाण पत्र भी बर्तमान में 6000 रुपये की मानी जायेगी।और बर्तमान के आय प्रमाण पत्र भी माने जाएंगे।
3. पैन कार्ड की बाध्यता का भी परीक्षण किया जाएगा और इसे समाप्त किया जाएगा।
इस तरह आज फिर विधानसभा में लोकतंत्र की एक बार और जीत हुई। आज लगभग 38 हजार गरीब बच्चियों की जीत हुई है जिन्हें इस लाभ से वंचित रखा जा रहा था। उन सबको वधाई।