रुद्रप्रयाग। आशा कार्यकत्रियों को 18000 रुपये वार्षिक प्रोत्साहन भत्ता देने की मुख्यमंत्री की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए आशा कार्यकत्री संगठन जखोली की सचिव बबीता भट्ट ने कहा कि यह आशाओं के मुंह पर जोरदार तमाचा है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आशा को 15 वर्ष से कार्य कर रही हैं। हर तरह के कार्य उनको सौंपे जाते हैं। कोरोनाकाल में किस तरह उनसे खतरे वाले काम कराए गए सभी जानते हैं। उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किया गया। आप मासिक मानदेय व्यवस्था भी लागू करते तो भी आशाएं आपका आभार प्रकट करतीं। उन्होंने कहा कि आप वार्षिक प्रोत्साहन राशि की भीख देकर जनता में वाहवाही लूटना चाहते हैं। परन्तु हम आपसे जानना चाहते हैं कि आखिर आशा का क्या कसूर क्या है कि उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित करना तो दूर की बात उसके लिए मानदेय की व्यवस्था लागू क्यों नहीं की जा रही है, अभी इसे लागू करने में कितने साल लगेंगे? आशाओं के भी अपने परिवार हैं, उन्हें उनका भरण.पोषण करना है।