फोटो– जोशीमठ-औली केबल कार से पर्यटक आवागमन करते ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। नए साल के जश्न के लिए औली हुआ गुलजार। रोप-वे ने विधिवत कार्य करना शुरू किया। रविबार को करीब दौ सौ पर्यटक रोप-वे औली पंहुचे।
नव वर्ष के स्वागत के लिए औली सहित जोशीमठ सहित आस-पास के पूरे क्षेत्र मे पर्यटको की आमद देखी जा रही है। औली मे नव वर्ष के लिए आॅन लाइन बुकिंग के कारण जीएमवीएन सहित सभी छोटे-बडे प्राइवेट होटल 30 दिसबंर से एक जनवरी तक फुल हो चुकी। लेकिन औली मे जगह नही मिलने के बाद पर्यटको की आॅन लाइन बुकिंग जोशीमठ नगर सहित पीपलकोटी से लेकर गोंिवदघाट व तपोवन तक भी होटल फुल हो चुके है। हाॅलाकि अभी औली व आस-पास बर्फ काफी कम है लेकिन पर्यटकेां व पर्यटन ब्यवसायियों को भी उम्मीद है कि 31दिसबंर व एक जनवरी तक अवश्य ही बर्फबारी होगी और पर्यटक ताजे हिमपात का आनंद उठा सकेगे। औली की स्कीइंग स्लोप पर कृतिम बर्फ तो बनी है पर्यटक इन दिनो इसी बर्फ को छू कर हिमालय के बर्फ मे अपनी मौजदूगी का एहसास कर रहे है। लेकिन यदि कुदरत मेहरबान हो जाय तो औली सहित गौरसांे व अन्य सीमावर्ती क्षेत्र भी पर्यटको से गुलजार रह सकेगे।
इधर बीते दिवस रोप-वे मे तकनीकी खराबी के कारण एक दिन के लिए रोप-वे बंद रहा। जिसे रबिबार सुबह से ही शुरू कर लिया गया था। रोप-वे के प्रबंधक संचालन इंजीनियर दिनेश भटट के अनुसार रोप वे का हाईड्रोलिक पंप मे तकनीकी खराबी आ गई थी। जिसे बदला गया है और रोप एक दिन रूकने के बाद पुन शुरू हो गई है। बताया कि रबिवार को पूरे दिन दो सौ से अधिक पर्यटक रोप-वे से औली पंहुचे है।
नए साल के जश्न के लिए पिछले कुछ वर्षो से पर्यटको ने औली का रूख शुरू किया तो अब पर्यटकेा की संख्या मे वर्ष दर वर्ष बढने लगी हैं। इस वर्ष तो स्थिति ऐसी है कि जब औली व जोशीमठ मे 31दिसबंर को कोई भी होटल व पर्यटक आवास गृह खाली नही मिले तो पर्यटको को पीपलकोटी, गोविंदघाट, व तपोवन व शलधार तक के होटलो की बुंकिंग करानी पडी।
क्षेत्र के पर्यटन ब्यवसायी व सामाजसेवी सुभाष डिमरी के अनुसार देश-विदेश से न्यू ईअर सेलेब्रेशन के लिए कई फोन आ रहे है। लेकिन आवासीय उपलब्धता न होने के कारण पर्यटको को माूयस होना पड रहा है। श्री डिमरी ने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र अब शीतकालीन पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हिलस्टेशन की श्रेणी मे आ चुका हैं। और पर्यटन से जुडे ब्यवसायियो के साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी चाहिए कि शीतकाल मे आने वाले पर्यटको को ऐसा ब्यवहार दिया जाय कि यहाॅ पंहुचे पर्यटक यहाॅ की अच्छी फिॅजा लेकर लौटे। और आने वाले वर्षो मे शीतकाल मे भी हजारो लोग पर्यटन रोजगार से जुड सके।