• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

चारधाम रूट्स पर अव्यवस्थाओं का अंबार

01/06/25
in उत्तराखंड, देहरादून
Reading Time: 1min read
0
SHARES
20
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

 

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा जोरों पर है. हर साल आयोजित होने वाली इस यात्रा में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. वैसे में उनके द्वारा फैलाई जा रहा कूड़ा करकट हो या फिर सीवर की व्यवस्था को लेकर हमेशा से पर्यावरणविद् और जागरूक लोग आवाज उठाते रहे हैं. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि राज्य सरकार की तरफ से साफ सफाई और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर क्या व्यवस्था है? लगातार बढ़ रही भीड़ कैसे पहाड़ों के ऊपर बोझ बन रही है.चलिए जानते है उत्तराखंड में पहाड़ों में बसे गांव और शहर को लेकर क्या है सफाई की व्यवस्था?चारधाम यात्रा रोड पर पड़ने वाले नगरों की बात करें तो इनमें देहरादून जिले की ऋषिकेश नगर निगम, हरिद्वार नगर निगम, उत्तरकाशी नगर पालिका, चिन्यालीसौड़ और बड़कोट नगर पालिका, चमोली जिले के गोपेश्वर, जोशीमठ, बदरीनाथ, नंदप्रयाग, गौचर, कर्णप्रयाग, पीपलकोटी, टिहरी जिले का नरेंद्रनगर, चंबा, कीर्तिनगर, देवप्रयाग, मुनिकी रेती, घनसाली, गजा, लंबगांव, चमियाला और तपोवन, रुद्रप्रयाग जिले में अगस्तमुनि, उखीमठ तिलवाड़ा और गुप्तकाशी के अलावा पौड़ी जिले का श्रीनगर शहर चारधाम यात्रा रूट पर पड़ता है. शहरी विकास विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार इन सभी छोटे-बड़े 30 नगर, कस्बों की अपनी आबादी तकरीबन 6 लाख के करीब है.  चारधाम यात्रा सीजन के दौरान यात्रियों के अतिरिक्त दबाव हालातों को उलट कर देती हैं. जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ा है और उन्हें परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है. चारधाम यात्रा में शहरी विकास विभाग की चुनौतियां भी कम की हैं. दरअसल बड़ी संख्या में जब यात्री इन शहरों से होकर आगे बढ़ते हैं तो शहरी विकास विभाग सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और वेस्ट को कमाई के रूप में बदलने की दिशा में लगातार काम कर रहा है. यात्रा रूट पर शहरी विकास विभाग ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और कूड़ा प्रबंधन के जरिए 17 लाख की कमाई की. इस कमाई में कई अलग-अलग घटक है. यात्रा मार्ग पर हर दिन सीवरेज भी बढ़ जाता है, ऐसे में 6 जिलों में से उत्तरकाशी में दो, टिहरी में 8, रुद्रप्रयाग में 5, पौड़ी में 6, हरिद्वार में 6 और चमोली में 17 यात्रा रूट पर कुल 44 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं. जिससे सीवरेज की परेशानी ना हो. मुख्य रूप से चारधाम यात्रा रूट पर गंगा से जुड़ने वाले सभी नदी नालों को नमामि गंगे परियोजना के तहत पेयजल विभाग और जल संस्थान द्वारा एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं. 69 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं,जिनमें से 3 दैवीय आपदाओं की भेंट चढ़ गए. बाकी सुचारू रूप से चल रहे हैं. इसमें से कुछ ऐसे भी हैं जो की यात्रा रूट से अलग हैं, लेकिन वहां गंगा में मिलते हैं. इन सभी एसटीपी प्लांट का उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड डाटा कलेक्ट करता है और उसकी समीक्षा की जाती है. भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज द्वारा जो सीपीसी मानक के आधार पर एसटीपी प्लांट की मॉनिटरिंग की जाती है. चारधाम यात्रा मार्ग पर यात्रियों को पेयजल, शौचालय, वाहन पार्किंग जैसी आवश्यक सुविधाएं देने के दावे खोखले साबित रहे हैं. इसका मुख्य कारण यात्रियों का भारी दबाव व यात्राकाल में यात्रियों सही आकलन, चरमराई व्यवस्था रही हैं. साथ ही आदेशों की हीलाहवाली भी अव्यवस्था का कारण बनता है. पर्यावरणविद् और जागरूक लोग जिसको लेकर आवाज बुलंद करते रहे हैं. वहीं चारधाम यात्रा में यात्रियों के उच्च हिमालय क्षेत्र में पहुंचने पर वहां के नगरों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. उत्तराखंड के चारधाम मार्ग में पड़ने वाले प्रदेश के 30 छोटे-बड़े शहरों में यात्रा सीजन के दौरान लोगों का दबाव कई गुना बढ़ जाता है. ऐसे में इन शहरों में सफाई व्यवस्था और अन्य प्रबंधन को बनाए रखना बड़ा चैलेंज बनकर सामने आता है. संयुक्त निदेशक शहरी विकास ने बताया कि यात्रा सीजन के दौरान इन सभी शहरों में सफाई कर्मियों की संख्या और शिफ्ट भी बढ़ाई जाती है. लेकिन इसके बाद भी कई बार सफाई व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे हैं.  ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमाच्छादित पर्वत श्रृंखलाएं अब हिम रहित हो चुकी हैं। जिन पर्वत श्रृंखलाओं पर करोड़ों वर्षों से बर्फ़ की मोटी चादर ढकी हुई थी वे अब अपना हिमावरण उतार चुकी हैं और पत्थरों के पहाड़ साफ़ नज़र आ रहे हैं। हिम रहित पर्वत श्रृंखलाओं के चलते ग्लेशियर भी लगभग समाप्त हो गए हैं। इसकी वजह से प्रदेश में लगभग पूरे वर्ष कल कल कर बहने वाले शीतल जल के झरने अब सूख चुके हैं। लगभग चार दशकों से पर्वतीय अंचलों की यात्रा के दौरान विभिन्न पर्वतीय राज्यों में मैं ने देखा है कि जिस जगह झरने /चश्मे प्रवाहित होते थे वहां पर्यटकों की अच्छी ख़ासी भीड़ जमा हो जाती थी। कोई नहाता था कोई अपनी गाड़ियां धोता था ,कोई शीतल जल पीकर सुकून हासिल करता था। लोग फ़ोटो खींच कर अपनी पर्वतीय यात्रा के यादगार लम्हों को कैमरों में क़ैद कटे थे। कुछ स्थानीय लोग मक्के की छल्लियाँ या ऋतु के अनुसार कोई स्थानीय फल आदि बेचकर अपना जीविकोपार्जन किया करते थे। परन्तु अब तो यह बातें गोया कहानी क़िस्से बन चुकी हैं।पहाड़ शुष्क हो रहे हैं। पहाड़ों पर गर्मी बढ़ती जा रही है। शुष्क पर्वतों में भूस्खलन तेज़ी से हो रहा है। उस पर सोने पर सुहागा यह कि विकास के नाम पर सड़कों का चौड़ीकरण करने के लिये पर्वतों को काटा जा रहा है जिससे करोड़ों पेड़ धराशायी हो रहे हैं। पहाड़ों पर तेज़ धार से बहने वाली अनेक नदियां अब गोया नदी के बजाये नालों की शक्ल ले चुकी हैं। विद्युत उत्पादन के चलते जगह जगह इन नदियों की धार को रोककर जल विद्युत उत्पादन संयंत्र भी लगाए गए हैं। उधर पर्यटकों की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से वाहनों का तांता लगा रहता है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्रदूषण बढ़ने का यह भी एक अहम कारण है। ज़ाहिर है इस विश्वस्तरीय आपदा का ज़िम्मेदार और कोई नहीं बल्कि स्वयं मानव है जिसके चलते स्वर्ग रुपी सुन्दर पृथ्वी दिन प्रतिदिन नर्क बनती जा रही है। लिहाज़ा यह कहना ग़लत नहीं होगा कि चित्त को चैन व आँखों को सुकून देने वाले पहाड़ अब सौंदर्य नहीं बल्कि विनाश के प्रतीक बनते जा रहे हैं।  उत्तराखंड की पहचान और अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली चार धाम यात्रा के शुरुआती दिनों में ही अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिल रहा है। स्थानीय जनता, श्रद्धालु और पंडा पुरोहित समाज सरकार के इंतजामों से खासे नाखुश नजर आ रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब पिछले वर्ष यात्रा के दौरान भारी अव्यवस्थाएं सामने आई थीं और राज्य सरकार ने मृतकों, बीमारों और संपत्ति के नुकसान का कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया था। उम्मीद थी कि पिछली गलतियों से सबक लेकर इस बार बेहतर प्रबंधन होगा, लेकिन तीन धामों के कपाट खुलने और चौथे धाम बद्रीनाथ के कपाट आज खुलने के बाद स्थिति निराशाजनक दिख रही है।
केदारनाथ धाम से लगातार ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। इन वीडियो में यात्रा प्रबंधन को लेकर लोगों की नाराजगी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि बीमार घोड़ा-खच्चरों का समय पर इलाज न हो पाने के कारण धामों तक रसद और खाद्यान्न की आपूर्ति बाधित हो रही है। केदारनाथ में भारी बारिश की चेतावनी के बीच खाद्यान्न खराब होने का खतरा भी मंडरा रहा है।
स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि मंदिर की सजावट के लिए से लोगों को बुलाया गया है। वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर परिसर में बड़े मंच, माइक और कैमरों के आयोजन पर भी सवाल उठ रहे हैं। इतना ही नहीं, आनन-फानन में किए गए बद्री केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की नियुक्ति पर भी उंगलियां उठ रही हैं। सवाल यह है कि जब यात्रा की तिथि पहले से निर्धारित थी, तो इन महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति में इतना विलंब क्यों हुआ? ताकि एक सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का संदेश देश-विदेश में जा सके। चार धाम यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था और लाखों लोगों की आजीविका का भी आधार है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और पिछली गलतियों को दोहराने से बचना चाहिए। *लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*

ShareSendTweet
Previous Post

प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद विश्व धरोहर फूलों की घाटी रविवार को पर्यटकों के लिए खोल दी गई

Next Post

काशी सिंह ऐरी जी को जन्मदिवस पर हार्दिक बधाइयां

Related Posts

उत्तराखंड

फल्दिया गांव एवं कांडेई गांव में वन विभाग ने 40 उत्पाती बंदरों को पकड़ा

July 14, 2025
5
उत्तराखंड

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की

July 14, 2025
6
उत्तराखंड

जानलेवा हमले के बाद काटने पड़े दोनों पैर, सी सदानंदन मास्टर

July 14, 2025
9
उत्तराखंड

थराली में अंग्रेजी शराब की खेप पकड़ी, पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस सतर्क

July 14, 2025
105
उत्तराखंड

भारत गौरव रमेश पोखरियाल लेखक और राजनीतिज्ञ

July 14, 2025
12
उत्तराखंड

एक और द्रोणाचार्य ‘ ने दर्शकों को किया उद्वेलित

July 14, 2025
87

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

फल्दिया गांव एवं कांडेई गांव में वन विभाग ने 40 उत्पाती बंदरों को पकड़ा

July 14, 2025

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की

July 14, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.