हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
श्री नंदादेवी राजजात यात्रा के आखिरी आवादी वाले गांव एवं लाटू धाम के नाम से प्रसिद्ध वांण गांव में सोमवार को लाटू धाम के कपाटों उद्घाटन के मौके पर प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी के वांण गांव पहुंचने पर पिंडर घाटी के लोगों में तमाम समस्याओं के निराकरण की एक नई आश जग गई हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के आने से लाटू धाम वांण को और भी प्रसिद्धि मिलने का मार्ग प्रशस्त होने की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं।
बैसाख पूर्णमासी के शुभ अवसर पर सोमवार को लाटू धाम के कपाट ग्रीष्म काल के लिए 6 माह के लिए नंदा एवं लाटू भक्तों के पूजा-अर्चना के लिए खोलें जाएंगे।इस क्षण का साक्षी बनने के लिए स्वयंम प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के धाम में आने का कार्यक्रम जारी हुआ हैं। सीएम का अधिकारिक कार्यक्रम जारी होने के बाद पिंडर घाटी के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी हैं। ऐसे में जबकि 2026 में विश्व प्रसिद्ध श्री नंदादेवी राजजात यात्रा का 12 वर्षों के लंबे समयांतराल के बाद आयोजन प्रस्तावित हैं, यात्रा से एक साल पूर्व सीएम के यात्रा मार्ग के आखिरी आवादी पड़ाव में पहुंचना यात्रा को निश्चित ही भव्यता प्रदान करने की आधारशिला रखेंगे। सीएम के दौरे को देखते हुए पिंडर के लोगों में आशा जगी है कि उनके आने के बाद राजजात से संबंधित तमाम मोटर सड़कों की कायाकल्प करने के लिए सीएम बढ़ी घोषणाएं कर सकते हैं, इसके अलावा यात्रा पड़ावों, यात्रा के पैदल रास्ता सहित अन्य जनसुविधाओं के संबंध में भी घोषणा कर सकते हैं। इसके अलावा लाटू धाम के लिए वें विशेष घोषणाएं कर सकते हैं।चमोली जिले के अंतिम गांव में सुमार वांण,कुलिंग,बांक, मुंदोली गांव सहित पूरे देवाल विकास खंड के नागरिकों को आशा हैं कि देश के प्रसिद्ध पर्यटक एवं सहासिक स्थलों में सुमार रहस्यमयी रूपकुंड की यात्रा का पुनः संचालन शुरू किए जाने के लिए मुख्यमंत्री कुछ बड़ी बात कह सकते हैं। दरअसल आली, वेदनी एवं बगजी बुग्याल संरक्षण समिति के तत्कालीन अध्यक्ष स्व. दयाल सिंह पटवाल ने 2014 में दायर एक जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने 21 अगस्त 2018 को बुग्यालों में रात्रि प्रवास पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी।जिस वजह से रूपकुंड ट्रैक पर ट्रेकिंग बंद हो गई जिससे प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में सहासिक पर्यटक इस पर्यटन रूट पर ट्रैकिंग नही कर पा रहे हैं। इस रोक के कारण पिंडर घाटी में पर्यटन गतिविधियों को बड़ा धक्का लगा हैं। आली, वेदनी एवं बगजी बुग्याल संरक्षण समिति के इंद्र सिंह राणा, त्रिलोक सिंह बिष्ट, हीरा सिंह बुग्याली, निवर्तमान जिपंस कृष्णा बिष्ट आदि का कहना हैं कि रूपकुंड ट्रैक पर ट्रैकिंग पुनः शुरू करवाने के लिए मुख्यमंत्री के सामने वह मामले को जोर-शोर से उठाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने आशाऊ व्यक्त करते हुए कहा कि निश्चित ही रूपकुंड मामले में सीएम कोई ठोस कार्रवाई करने का आश्वासन दे सकते हैं।इस ट्रैक के बंद होने से स्थानीय लोगों को प्रति वर्ष लाखों रूपयों का नुकसान हो रहा हैं।