डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते देश एक बार फिर मुश्किल दौर से गुजर रहा है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके अलावा यहां कोविड नियमों का भी पालन नहीं हो रहा है, बावजूद इसके भी कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं और संक्रमितों की मौत भी हो रही हैं। लेकिन इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन, सैंपलिंग आदि की कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में भी ध्यान दे। जिला प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन आदि की व्यवस्था नहीं कर रहा है। इसके लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जाए। पहाड़ के दुर्गम इलाकों में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चलने से क्षेत्र में कोविड.19 के कई मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों पर उत्तराखंड सरकार काफी संजीदा है। संक्रमण को रोकने की कोशिशें सरकार की तरफ से की जा रही हैं। लेकिन फिर भी हर दिन संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। आलम यह है कि हर दिन बड़ी संख्या में कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं और मौतें हो रही हैं। जिला प्रशासन के साथ ही नगर निगम अपने क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन, सैंपलिंग, कोरोना नियमों का पालन आदि करवाने के साथ ही अन्य तमाम सुविधाएं दे रहा है। लेकिन ग्रामीण इलाकों की कोई सुध नहीं ले रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में दिन.प्रतिदिन कोरोना का संकट गहरा रहा है, लेकिन न तो सरकार और न ही जिला प्रशासन का ध्यान इन क्षेत्रों में जा रहा है। उत्तराखंड में जिस तरह संक्रमण और मृत्यु दर की रफ्तार बढ़ रही है, उससे सभी चिंतित व परेशान हैं। इस महामारी से प्रदेश में कोई भी जनपद अछूता नहीं रहा क्या मैदानी क्षेत्र क्या पहाड़ी क्षेत्र, सभी जगह कोरोना ने अपना फन फैला रखा है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार हालात सुधारने के लिए अपनी कोशिशें कर रही हैं। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बेकाबू होने के साथ ही संक्रमितों की मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वर्तमान में उत्तराखंड में कोरोना मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत दर से भी ज्यादा है। संक्रमण के साथ मरीजों की मौतें रोकना सरकार के सामने बड़ी चुनौती बनती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई रणनीतियां अपनाई जा रही हैं, इसके बावजूद संक्रमितों की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर 1.41 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर 1.13 प्रतिशत है। प्रदेश में पांच दिनों के भीतर 250 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ा है। जो इस छोटे प्रदेश के लिहाज से काफी ज्यादा है। जो सरकार प्रशासन सहित स्वास्थ्य महकमे के लिए चिंताजनक बात है। किंतु यह अभियान तभी सफल हो पाएगा, जब इसमें अधिक से अधिक जनसहभागिता मिलेगी। यानि कि आम जन अपनी.अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण करते हुए कोरोना गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन करें तो स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकता है।