थराली से हरेंद्र बिष्ट।
कोरोना की दूसरी लहर का उत्तराखंड के अन्य क्षेत्रों के साथ ही पिंडर घाटी के गांव में भी व्यापक असर देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र के कई गांवों से बुखार, खांसी एवं जुकाम की सूचनाएं मिल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग गांवों में कैम्प लगाकर कोरोना सैम्पलिंग कर रहा हैं, किन्तु ग्रामीण अपेक्षा से काफी कम जांच करवा रहे हैं। इसके पीछे का कारण लोगों में कोरोना पाॅजिटिव आने के बाद कुछ दिनों तक सामाजिक गतिविधियों एवं समाज से कटने का भय माना जा रहा है।
कोरोना की दूसरी लहर राज्य के तमाम क्षेत्रों की तरह ही पिंडर घाटी में भी कोहराम मचाए हुए हैं। दूसरी लहर में पिंडर घाटी के थराली, देवाल एवं नारायणबगड़ विकासखंडों के करीब पांच दर्जन से अधिक गांवों को अब तक अपनी चपेट में ले चुका है।जिस तरह से कोरोना जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा हैं, उसी तरह से तीनों विकासखंडों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में भी दिनों.दिन इजाफा होता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग आंकड़ों के लिहाज से अब तक यहां रिकवरी रेट भी ठीक ठाक ही है। बावजूद इसके लोग सैंपलिंग के लिए आगे आने को तैयार नही हैं।
थराली ब्लाक में दूसरी लहर की शुरुवात से अब तक यानी लगभग एक माह में कुल 275 लोग कोरोना से संक्रमित हुए इनमें से 159 लोग कोरोना से जंग जीतकर ठीक हो चुके हैं। जबकि 119 लोग अभी भी आइसोलेशन में हैं। वहीं कोरोना से थराली में एक ढाई माह की बच्ची की मौत हुई है। अब तक थराली से संक्रमित गंभीर स्थिति के 6 लोगों के साथ ही 3 गर्भवती महिलाओं को कोविड सेंटरों अथवा हाई सेंटर रेफर किया गया है। बाकी सभी होम आइसोलेशन में ही रह रहे हैं। जो लोग कोरोना से रिकवर हुए हैं, वे भी अधिकांश घर पर ही रहकर ठीक हुए हैं। गांवों की स्थिति की बात करें तो थराली विकासखण्ड के 48 गांवों में से 21 गांवों तक कोरोना अपने पैर पसार चुका है। वहीं थराली नगर पंचायत, एसएसबी ग्वालदम, तहसील कार्यालय, लोक निर्माण विभाग के दफ्तरों तक कोरोना संक्रमण अपनी दस्तक दे चुका है।
वहीं देवाल ब्लाक में कोरोना के 73 केस सामने आए हैं। जिनमें से अब तक 15 लोग ठीक हो चुके हैं। जबकि 68 लोग अभी भी होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। राहत की बात ये है कि यहां से किसी को भी अभी तक रेफर नहीं किया गया। हालांकि कोरोना संक्रमण से इस विकासखण्ड में 2 लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है। यहां भी 42 में से 14 गांवों में कोरोना संक्रमण अपनी दस्तक दे चुका है।इसी तरह से नारायणबगड़ ब्लाक में कोरोना के कुल 214 मामले सामने आए हैं। जिनमे से 92 लोग कोरोना पर विजय पा चुके हैं। अभी भी यहां पर 139 लोग होम आइसोलेट हैं। यहां भी 14 गांव इस समय संक्रमण की जद में हैं। और एक ही दिन में 41 कोरोना पॉजिटिव आने से यहां के डुंगरी गांव को कंटेन्मेंट जोन बनाया गया है। राहत की बात है कि अब तक इस प्रखंड में कोरोना से किसी की जान नहीं गई है। यहां से भी 3 व्यक्तियों को कोविड केअर सेंटर रेफर किया गया है। कोरोना की दूसरी लहर में इस घाटी में अब तक 566 मामले सामने आए हैं। जिनमे से 266 लोग इस संक्रमण से उबर भी चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक 326 लोग आइसोलेशन में रह रहे हैं। तीनों विकासखंडों से कुल 12 लोगों को होम आईओलेशन से निकालकर रेफर करने की नौबत आयी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थराली के चिकित्साप्रभारी डॉ नवनीत चौधरी ने कोरोना के इन आंकड़ों पर जहां संतोष व्यक्त किया है। वहीं गांवों में सैम्पलिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों के जाने के बावजूद भी लोगों के टेस्ट के लिए आगे नहीं आने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र की सही तस्वीर सामने नहीं आ पा रही है। इस संबंध में जागो लोक हिमालय थराली के डायरेक्टर रमेश थपलियाल का कहना है कि जबतक लोगों को सैंपलिंग के प्रति जागरूक नहीं किया जाता हैं, तब तक इस क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं मिल सकती है। इसके लिए आम लोगों को जागरूक करने के लिए सरकारी अमलो के साथ ही स्वंयम सेवी संस्थाओं को आगे आना होगा।