———————– प्रकाश कपरुवाण।
ज्योतिर्मठ,01मई।
भगवान बद्रीविशाल के गर्भ गृह मे श्री बदरीश पंचायतन मे विराजमान व ग्रीष्मकाल के छः माह तक नित्य पूजे जाने वाले श्री विष्णु वाहन गरुड़ जी का श्रीविग्रह वर्षों से शीतकाल के दौरान श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के खजाने मे बिना पूजा के रहते थे। श्री गरुड़ जी की नियमित पूजा व खजाने से मुक्त किए जाने की चर्चा ने इसलिए भी जोर पकड़ा कि गत वर्ष शीतकाल मे श्री केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति जो उखीमठ मे मंदिर समिति के स्टोर मे रखी जाती थी, उस उत्सव मूर्ति को भी उखीमठ मंदिर मे रखकर शीतकाल मे नियमित पूजा होने लगी। मंदिर समिति के इस फैसले का सर्वत्र स्वागत हुआ।
इसी क्रम मे जोशीमठ मे शीतकाल के दौरान मंदिर समिति के खजाने मे बन्द श्री गरुड़ जी की मूर्ति को भी पूर्व की भांति उत्सव के रूप मे श्री बद्रीनाथ धाम ले जाने के प्रयास शुरू हुए, स्थानीय देवपुजाई समिति एवं रेँकवाल पंचायत ने इसके लिए पत्राचार किया, कई दौर की वार्ताएँ हुई।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल ने धर्माचार्यों, विधि वेत्ताओं व मंदिर अधिकारी की राय ली, सभी की सहमति के उपरांत सीईओ श्री थपलियाल ने श्री गरुड़ जी को उत्सव के रूप मे श्री बद्रीनाथ धाम तक ले जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया, और बृहस्पतिवार को गरुड़ छाड़ उत्सव से पूर्व मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, लेखाकार /खजाँची भूपेंद्र रावत ने श्री गरुड़ जी की मूर्ति श्री बद्रीनाथ धाम के निवर्तमान धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल की मौजूदगी मे देवपुजाई समिति एवं रेंकवाल पंचायत के सुपुर्द किया।
अब शुक्रवार को विष्णु वाहन श्री गरुड़ जी की अगुवाई मे आद्य गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी प्रथम पड़ाव पाण्डुकेश्वर प्रस्थान करेगी।
गौरतलब है कि भगवान बद्रीविशाल के साथ गर्भ गृह मे नित्य प्रतिदिन जिनकी पूजा होती है उनमें श्री कुबेर जी, श्री गरुड़ जी, श्री उद्धव जी तथा नर व नारायण की मूर्ति प्रमुख है, शीतकाल मे गरुड़ जी के अलावा सभी की पुजाएँ होती है, लेकिन श्री गरुड़ जी बिना पूजा के मंदिर समिति के खजाने मे बन्द रहते थे।
अब श्री गरुड़ जी के मुक्त होने पर पूरे क्षेत्र मे खुशी की लहर है। देवपुजाई समिति एवं रेंकवाल पंचायत ज्योतिर्मठ तथा स्थानीय धर्म परायण जनता ने श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के इस निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्य कार्याधिकारी श्री विजय थपलियाल का आभार ब्यक्त किया है।