ज्योतिर्मठ, 01मई।
भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने से पूर्व की मान्य धार्मिक परंपरा के अनुसार श्री बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी श्री रावल अमरनाथ नम्बूदरी की मौजूदगी गरुड़ छाड़ उत्सव के साथ ही भगवान श्री हरि नारायण के कपाट खुलने की प्रक्रिया का ज्योतिर्मठ -जोशीमठ से शुभारंभ हो गया है। गाडू घड़ी तेल कलश भी ब्रहस्पतिवार को नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुँच गया है।
देव पुजाई समिति के तत्वाधान मे आयोजित होने वाला गरुड़ छाड़ उत्सव :– भगवान नारायण अपने वाहन मे सवार होकर श्री बद्रीकाश्रम के लिए प्रस्थान करने के उत्सव को ही गरुड़ छाड़ उत्सव कहा जाता है। इस उत्सव मे एक ऊँचे स्थान से रस्सी के सहारे पहले विष्णु वाहन गरुड़ जी और ठीक उसके बाद भगवान नारायण के श्री विग्रह को छोड़ा जाता है।
इस ऐतिहासिक व धार्मिक परंपरा के दृष्यों को देखने के लिए बड़ी संख्या मे लोग नृसिंह मंदिर मठागण पहुंचे थे, श्री गरुड़ जी व नारायण जी की मूर्ति को श्री रावल जी द्वारा निर्धारित पूजा स्थल तक ले जाया जाता है जहाँ पर पूजा/अर्चना, भोग प्रसाद व आरती के उपरांत मूर्तियों को भगवान नृसिंह मंदिर की परिक्रमा के बाद मठ भंडार मे सुसज्जित किया जाता है।
इस दौरान मुख्य पुजारी श्री रावल अमरनाथ नम्बूदरी के अलावा नायब रावल सूर्य राग नम्बूदरी, धर्माधिकारी आचार्य राधा कृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, निवर्तमान धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल, नगर पालिका ज्योतिर्मठ की अध्यक्ष देवेश्वरी साह, साहित्यकार डॉ नन्द किशोर हटवाल सहित अनेक लोग मौजूद रहे।