डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
भारत-नेपाल दोनों देश के बीच शुरुआती समय से ही आपसी संबंध रहा है. समय चाहे जैसा भी रहा हो
दोनों देश एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहे हैं. इसके साथ ही भारत और नेपाल के मधुर संबंधों
की चर्चा तो हमेशा होती ही रहती है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रेंजर ग्राउंड में इंडो-नेपाल
इंटरनेशनल ट्रेड फेयर की शुरुआत हो गई है, जिसमें नेपाल से व्यापारी अपने सामान लेकर आए हैं. यहां
भारत और नेपाल की सांस्कृतिक धरोहर का संगम देखने को मिल रहा है. आप यहां नेपाल के ट्रेडिशनल
डांस का आनंद ले सकते हैं, नेपाल के व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं और नेपाल से आई कई वस्तुओं की
खरीदारी भी कर सकते हैं.
नेपाल के कंचनपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष ने बताया कि भारत और नेपाल के रिश्तों को
और मजबूत बनाने के उद्देश्य से देहरादून में इंडो-नेपाल इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का आयोजन किया जा रहा
है. यह मेला 20 मार्च से 26 मार्च तक रेंजर्स ग्राउंड में चलेगा. इस दौरान नेपाली और उत्तराखंडी कलाकार
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे. शाम के समय दोनों राज्यों की सांस्कृतिक धारा से लोग रूबरू
हो सकेंगे, क्योंकि यहां ट्रेडिशनल डांस भी होंगे.
बताया कि इस ट्रेड फेयर में लोग उत्तराखंड के साथ-साथ नेपाल के स्वादिष्ट व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकते
हैं. नेपाल के 50 व्यापारी यहां अपने पारंपरिक उत्पादों के साथ-साथ हैंडीक्राफ्ट आइटम भी लेकर आए हैं.
इस आयोजन से दोनों राज्यों के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. यहां नेपाल के हस्तशिल्प की प्रदर्शनी,
औद्योगिक उत्पाद, निर्यात उत्पाद, कृषि उत्पाद आधारित वस्तुएं और दोनों देशों के प्रमुख पर्यटक स्थलों के
स्टॉल भी लगाए जाएंगे. जोशी ने बताया कि इसके अलावा, हम नेपाल के लोगों को भारत के सुंदर और
आध्यात्मिक स्थानों की सैर भी कराते हैं, और इस बार केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए भी नेपाल से लोगों
को लेकर आए हैं. देहरादून की निवासी ने कहा कि कई सालों बाद इंडो-नेपाल इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का
आयोजन देहरादून में हो रहा है. इससे पहले 2017 में इसका आयोजन हुआ था. उनका कहना है कि
देहरादूनवासियों के लिए यह एक अलग अनुभव होगा. हम लोग नेपाल नहीं जा सकते, लेकिन यहां नेपाल
का कल्चर और व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं. यहां नेपाल के जेवर, खुखरी और रुद्राक्ष जैसी चीजों की
खरीदारी भी की जा सकती है. भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंधों को बढ़ाएगा।
इससे हमारी समृद्ध परंपराओं को संजोए रखने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने में भी योगदान
मिलेगा। उन्होंने कहा भारत और नेपाल के बीच सदियों से धार्मिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक और रोटी-बेटी
भारत और नेपाल के बीच सदियों से धार्मिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक और रोटी-बेटी का संबंध रहा है। जब
जब प्रभु श्रीराम और माता सीता को याद किया जाएगा, तब-तब भारत और नेपाल के संबंधों का उल्लेख
भी अवश्य होगा। उन्होंने कहा अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण में नेपाल की सनातनी जनता
की आस्था को भी देखा गया। काली नदी पर प्रस्तावित पंचेश्वर बांध परियोजना के माध्यम से साझा ऊर्जा
उत्पादन का भी संकल्प दोनों देशों ने लिया है। जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति
होगी, और दोनों देशों की आर्थिकी को भी बल मिलेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में
सीमावर्ती क्षेत्रों में आधुनिक सड़कों, सुरंगों और पुलों का निर्माण जारी है। भारत इसके अंतर्गत अब तक
लगभग 4500 किलोमीटर से भी अधिक सड़कों का निर्माण कार्य संपन्न किया जा चुका है। । *लेखक ने अपने*
*निजी विचार व्यक्त किए हैं।लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*