देहरादून। वर्ष 2017 में देहरादून जिले के लालतप्पड़ स्थित गंगोत्री अस्पताल में किडनी खरीद फरोख्त का एक बड़ा मामला सामने आया था। इस मामले में अब तक 17 आरोपी जेल के सलाखाों के पीछे हैं, लेकिन करीब चार साल से फरार मुख्य आरोपी डा. अक्षय राउत अब गुवाहाटी से गिरफ्तार किया गया। गुवाहाटी में वह नाम बदलकर रह रहा था। इससे पहले वह कई अन्य शहरों में भी शरण लेने की कोशिश करता रहा। फरार सरगना डाक्टर पर 20 हजार का ईनाम रखा गया था। आरोपित प्रेस्टिन केयर सेंटर गुवाहाटी में नाम बदलकर प्रैक्टिस कर रहा था।
एसएसपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए डीआइजी जन्मेजय खंडूड़ी ने बताया ने पुलिस ने 11 सितंबर 2017 को गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में किडनी की खरीद.फरोख्त का पर्दाफाश किया था। तब पुलिस ने पांच आरोपियों का घटनास्थल से दबोचा था। इनमें से दो की किडनी निकाल ली गई थी, लेन.देन में बात न बनने पर दो ने अपनी किडनी बेचने से इंकार कर दिया था। पांचवां आरोपी किडनी खरीद फरोख्त का दलाल जावेद खान था जो मुंबई रहने वाला था। पुलिस के अस्पताल पहुंचने से पहले गंगोत्री अस्पताल का संचालक राजीव चौधरी और डा. अमित राऊत फरार हो गए थे।
दलाल जावेद ने डा. राऊत के कारनामों की पूरा कच्चा चिट्ठा पुलिस के सामने रख दिया था। इसके बावजूद यह मंडली अपने कर्मों को जायज बताने की जुगत में लगे रहे। जावेद इस पूरे प्रकरण का की पर्सन और डा. राउत का खास था। किडनी बेचने और खरीदने वालों के बीच वही सेतु का काम करता था। पुलिस ने इसके चार दिन बाद 15 सितंबर को डा, अमित राऊत को चंडीगढ़ के पंचकूला सेक्टर.18 स्थित पल्लवी होटल से गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद अमित के भाई जीवन और अस्पताल की नर्स सरला व राजीव चौधरी के ड्राइवर प्रमोद उर्फ बिल्लू को भी पकड़ लिया गया। कुछ दिन बाद राजीव चौधरी समेत आधा दर्जन अन्य आरोपित भी दबोच लिए गए। पुलिस अब तक इस मामले में सरगना डा. अमित समेत कुल 17 आरोपित गिरफ्तार कर चुकी है।
डीआइजी ने बताया कि आरोपी अक्षय राउत बंगलूरू, पुणे, असम, कोयंबटूर, कोलकाता आदि शहरों में नाम बदलकर अस्पतालों में प्रैक्टिस करता था। उसका जाल देश-विदेश में फैला था। किडनी खरीद फरोख्त का आरोपियों का जाल देश में और देश के बाहर भी फैला हुआ था। पुलिस को जांच में पता चला कि टूरिस्ट वीजा पर विदेशी खरीददार यहां बुलाए जाते थे और किडनी प्रत्यारोपण किया जाता था। बाप.बेटे मिलकर दून समेत गुरुग्राम, पंचकूला में भी किडनी प्रत्यारोपण किया करते थे।
रायवाला के थानाध्यक्ष भुवनचंद्र पुजारी के अनुसार डा. अमित राऊत पहले मुंबई में किडनी का काला धंधा शुरू किया था। वह दिल्ली-गुरुग्राम में यह काम कर चुका था। जब बातें लीक होने लगी तो उसने देहरादून के नजदीक किडनी खरीद-फरोख्त का काम शुरू किया। पुलिस के अनुसार 70 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक में किडनी बेची जाती थी।