ऋषिकेश। डॉ निशंक का रचना संसार ऑनलाइन पुस्तक वार्ता की 75 श्रृंखलाएं पूरी होने के अवसर पर ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी व हीरक जयंती समारोह का रविवार को शुभारंभ किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष व आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज, लंदन के वरिष्ठ साहित्यकार व कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ तेजेंद्र शर्मा, पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन के सचिव आशीष जायसवाल और डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
हिमालय विरासत न्यास उत्तराखंड, स्याही ब्लू बुक्स नई दिल्ली और हिमालयीय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में यह दो साहित्य महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है। जिसमें डॉ निशंक को हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन के सचिव आशीष जायसवाल ने विश्व कीर्तिमान का प्रमाण पत्र प्रदान किया।
मुख्य अतिथि स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि निशंक ने आम आदमी की आवाज को अपने साहित्य में स्थान दिया है। उन्होंने समाज के हर वर्ग, हर तबके के लिए साहित्य की रचना की है। उनके साहित्य में जो विषय हैं, वह अपने आप में विशिष्ट हैं। एक राजनीतिज्ञ होने के साथ.साथ उच्च कोटि का साहित्यकार होना अपने आप में एक बहुत बड़ी चुनौती है।
कहा कि ऋषिकेश में ऋषि कुंभ कई बार हुए हैं परंतु यह साहित्य का महाकुंभ हैए जिसमें दुनियाभर के साहित्यकार और साहित्य प्रेमी गोते लगा रहे हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार तेजेंद्र शर्मा ने कहा कि डॉ निशंक का साहित्य सीमाओं से बंधा हुआ नहीं है। आज दुनियाभर की भाषाओं में उनकी रचनाओं का अनुवाद किया जा रहा है। बड़ी संख्या में शोधार्थी उनके साहित्य पर शोध कर रहे हैं।
डॉण् रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि साहित्य में संवेदनाओं का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। कहा की मैने अपने जीवन में जो देखा, महसूस किया, संघर्ष किया, उसको अपनी रचनाओं में शामिल करने का प्रयास किया है।
हिमालयीय विश्विद्यालय के कुलपति प्रोण् जेपी पचौरी ने बताया कि डॉण् रमेश पोखरियाल निशंक के साहित्य पर हिमालय विरासत न्यास एवं स्याही ब्लू बुक्स ने पिछले साल ऑनलाइन श्रृंखला शुरू की थी और इसके 75 एपिसोड पूरे होने के मौके पर यह संगोष्ठी आयोजित की जा रही है।
बताया कि इस उपलब्धि पर डॉ निशंक का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड और हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड लंदन में भी दर्ज किया गया है। इस अवसर पर हिमालय विरासत न्यास की अध्यक्ष आश्ना नेगी, समेत अन्य ने आयोजन में सहयोग दिया।