पिथौरागढ़। शहर में पहली बार आयोजित हो रहे दो दिवसीय कुमाउंनी भाषा सम्मेलन का होटल सत्कार में भव्य उदघाटन किया गया। स्थानीय महिलाओं द्वारा शकुनाखरों की प्रस्तुति के साथ दीप प्रज्वलन किया गया। अतिथियों का स्वागत आदलि-कुशलि पत्रिका की सम्पादक डॉ सरस्वती कोहली ने किया और डॉ अशोक कुमार पन्त ने सम्मेलन की अवधारणा प्रस्तुत की।
उदघाटन सत्र की अध्यक्षता सोर पिथौरागढ़ के इतिहासविद श्री पदमादत्त पन्त ने की। मुख्य वक्तव्य भाषाविद डॉ डीएस पोखरिया ने कुमाउंनी भाषा का उदभव और विकास नई सम्भावनाएं विषय पर बीज वक्तव्य रखा, जिसमें उन्होंने भाषा की ऐतिहासिकता और भविष्य पर विस्तारपूर्वक विचार रखे। मंच पर अन्य अतिथियों के रूप में डॉ हयात सिंह रावत, डॉ परमानन्द चौबे, पूर्व विधायक श्रीमती चंद्रा पन्त उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने कुमाउनी भाषा के संरक्षण और संवर्धन की जरूरत पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम संयोजक विप्लव भट्ट ने बताया कि इस महत्वपूर्ण सम्मेलन 8 सत्रों में चर्चा की जाएगी जिसमें शामिल होने के लिए दिल्ली, देहरादून, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, रामनगर व अन्य कई जगहों से कुमाउंनी भाषाविज्ञानी, साहित्यकार शहर में आए हुए हैं। इस कार्यक्रम में दुदबोली द्वारा लगाए गए कुमाउंनी साहित्य स्टॉल, समय साक्ष्य व आरम्भ टीम द्वारा बुक स्टॉल, भाव राग ताल टीम द्वारा मुखौटों व वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। आगन्तुकों ने स्थानीय उत्पादों भी खरीदे।