देहरादून। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा.राजीव कुमार पर्यावरणीय सेवाओं को सहेजने के एवज में अपना आर्थिक नुकसान उठाने वाले उत्तराखंड की ग्रीन बोनस की मांग से सहमत हैं। उनका मानना है कि उत्तराखंड को कार्बन क्रेडिट जोड़ने पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन कार्बन के्रडिट भारत सरकार से मांगने के बजाय संयुक्त राष्ट्र संघ से मांगना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण बचाने और कार्बन क्रेडिट के एवज में मदद करता है। इसलिए उत्तराखंड को इसके लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में दस्तक देनी चाहिए। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिले तो बेहतर रहेगा। राष्ट्रीय स्तर पर इसे लेकर दूसरे राज्य नाराज हो सकते हैं। उत्तराखंड राज्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्बन क्रेडिट के एवज में मदद मिले तो इसका दुनियाभर में अच्छा संदेश जाएगा।
उत्तराखंड दौरे पर आए नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा कुमार शुक्रवार को शुक्लापुर स्थित हेस्को मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी की तर्ज पर सकल पर्यावरणीय उत्पाद जीडीपी की जरूरत पर भी सहमति जताई। उन्होंने कहा कि नीति आयोग प्रयास करेगा कि इस पर काम हो। हमारा देश पर्यावरण के प्रति उदासीन होकर आगे नहीं बढ़ सकता। विकास और पर्यावरण को साथ लेकर चलना होगा। इस बारे में नए सिरे से सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग राज्यों के लिए पर्यावरणीय रैंकिंग भी शुरू करेगा।