कार्यवाही के नाम पर सिर्फ स्पष्टीकरण मांग रहा है आबकारी विभाग
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
लॉकडाउन में सरकार ने शराब की दुकानो को बंद करने के आदेश दे दिए थे। बाकायदा शराब की दुकानों पर सील लगा दी गई थी, बावजूद इसके ग्वालदम स्थित शराब की दुकान के अनुज्ञापि ने ऐसा जुगाड़ निकाला कि दुकान के ताले पर की गई सील के समीप ही चाबी का स्थान ढूंढ, दुकान खोली ली। स्थानीय लोगों के मुताबिक दुकान से खुलेआम शराब बेचने लगा। सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों ने जब फ़ोटो और वीडियो डाला तो चमोली जिले का आबकारी विभाग जागा। तब आबकारी विभाग ने पुलिस और प्रशासन की टीम बनाकर दुकान के स्टोर का वेरिफिकेशन किया। यद्यपि जिला आबकारी अधिकारी ने यह बात स्वीकार की है कि दुकान की सील के साथ छेड़छाड़ की गई है और स्टॉक के साथ भी छेड़छाड़ की गई है, लेकिन कार्यवाही जिलाधिकारी करेंगे, कह अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है। अब स्थानीय लोग आबकारी विभाग, पुलिस, प्रशासन और शराब व्यवसाइयों के आपसी तालमेल को लेकर बातें कर रहे हैं। शराब व्यवसाय की हिमाकत कि वह सरकार के लगाए सील को ही तोड़ दें और सरकारी महकमा देखता रह जाए, इस बात को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।
बता दें कि कोविड.19 महामारी के दौरान शराब की दुकानों पर आए दिन लग रही भीड़ और उससे सोशल डिस्टेंसिंग टूटने एवं कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने एक आदेश जारी कर 10 मई से शराब की दुकानों को बंद कर दिया था। 10 मई की सुबह 10.00 बजे तक लगभग सारी दुकानों के ताले सील कर दिए गए थे। दुकानों की स्टोर का वेरिफिकेशन कर लिया गया था। बावजूद इसके ग्वालदम स्थित शराब व्यवसायी ने सील के साथ छेड़खानी करते हुए दुकान खोली और वहां से स्टॉक के साथ भी छेड़खानी की। लाकडाउन के दौरान सोशल मीडिया एवं मीडिया पर लगातार शराब के अवैध कारोबार और ऊंचे दामों पर शराब बेचे जाने की बातें की जा रही थी। अवैध शराब को लेकर लोगों का मानना था कि शराब व्यवसाई दुकानों के आगे पीछे रास्ते निकाल दुकानों से शराब निकालकर उसे ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। लेकिन शासन प्रशासन इस दौरान अपने द्वारा लगाई गई सील पर विश्वास करते हुए मौन ही रहा। बाद में सोशल मीडिया पर थराली के जेष्ठ प्रमुख महावीर शाह ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने ग्वालदम स्थित शराब की दुकान की सील के साथ छेड़खानी करने का फोटो और दुकान से खुलेआम शराब बेचे जाने की बात कही, जिस पर चमोली का आबकारी विभाग देर से जागा। उनके द्वारा ग्वालदम स्थित शराब की दुकान के स्टॉक का पुलिस प्रशासन एवं तहसील प्रशासन के अधिकारियों के साथ तालमेल कर वेरिफिकेशन किया गया जिसमें स्टॉक के साथ छेड़छाड़ एवं दुकान पर लगी सील कर साथ भी छेड़छाड़ करने की पुष्टि हुई है।
आबकारी विभाग का कहना है कि अनुज्ञापि से स्पष्टीकरण मांग लिया गया है। आगे की कार्यवाही जिलाधिकारी को करनी है। हैरानी की बात यह है कि पूरे देश में राष्ट्रीय आपदा अधिनियम लागू है, सिर्फ मेडिकल जैसी इमरजेंसी में ही बाहर निकलने की अनुमति है। लॉकडाउन की एसओपी जारी होने के बावजूद शराब व्यवसाई इस तरह की हिम्मत कर रहे हैं। शासन प्रशासन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ स्पष्टीकरण मांग रहा है। ऐसे में शासन प्रशासन पर लोगो द्वारा लगाए जा रहे सवालिया निशान और चर्चाओं का कुछ तो मतलब निकलता ही है।
चमोली जिले की जिला आबकारी अधिकारी दीपाली शाह ने स्वीकार किया कि ग्वालदम स्थित शराब की दुकान पर लगाई गई सील के साथ छेड़छाड़ की गई है। उनके द्वारा आबकारी इंस्पेक्टर को भेजकर दुकान का स्टॉक वेरिफिकेशन भी किया गया है। आबकारी इंस्पेक्टर द्वारा प्रेषित रिपोर्ट जो उन्हें प्राप्त हुई है उसमें सील एवं स्टाक के साथ छेड़छाड़ की बात की गई है। जिसे उनके द्वारा जिला अधिकारी को अपनी रिपोर्ट के साथ प्रेषित कर दिया गया है। अब आगे की कार्यवाही जिला अधिकारी के स्तर पर होनी है।












