बागेश्वर ज़िले में कपकोट तहसील के भनार गांव के जिस गांव की जनता के लिए मोबाइल में बात करना मुश्किल है, उस गांव के हाई स्कूल के एक लड़के ने जुगाड़ से जेसीबी बना ली। इससे पूर्व यह किशोर जुगाड़ से हेलीकाप्टर बना कर उड़ा चुका है।
प्रतिभा के लिए ना किसी डिग्री की और ना ही कोई उम्र की जरूरत होती है। इन्हीं बातों को चरितार्थ दूरस्थ गांव भनार के एक किशोर ने कर दिखाया है। भनार गांव वर्तमान में भी मोबाईल नेटवर्क कवरेज से बाहर है। सीमित संसाधनों में जिंदगी गुजर बसर कर रहे हरीश को बचपन से जो हाथ लगे उसी से जोड़.तोड़ करने की आदत है।
जब भी घर वाले उसे खिलौने दिलाते हैं, वह उसकी तकनीकी को जानने के लिए उत्सुक रहता है।
हरीश के पिता कुंदन कोरंगा जेसीबी ऑपरेटर हैं। हरीश कई बार पिता के साथ जेसीबी देखने गया। आदतन हुनर के बीच उसने जिज्ञासा से जेसीबी की तकनीकी पर काम किया और कुछ ही समय में उसने घरेलू सामग्री, बेकार मेडिकल इंजेक्शन, कॉपियों के गत्ते, आइसक्रीम की डंडियों से हाइड्रोलिक पद्वति पर आधारित ऐसी जेसीबी मशीन बना दी। इसके बाद उसने इसका गांव में ही प्रदर्शन किया तो देखने वाला हर व्यक्ति दांतों तले उंगलिया दबाने को विवश हो गया।
भनार के राजकीय हाईस्कूल के इस विद्यार्थी का हुनर देख ग्रामीण हुए दंग। वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि किशोर द्वारा वैज्ञानिक प्रयोग करने की जानकारी मिली है। निश्चित रूप से यह सराहनीय प्रयास है। किशोर को प्रोत्साहन करने के लिए जो आवश्यक होगा वह किया जाएगा।