कमल बिष्ट/उत्तराखंड समाचार।
कोटद्वार। तीन दिवसीय श्री सिद्धबाबा अनुष्ठान महोत्सव में समापन के अवसर पर जागर व मंडान का विशाल आयोजन किया गया, जिसके पश्चात् सवामन रोट के प्रसाद का वितरण किया और वहीं पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण भी बाबाधाम पहुंचे, जहाँ उन्होंने बताया की यह एक दिव्य पवित्र स्थान है, इस श्री सिद्धबली धाम को दर्शन हेतु देश दुनिया से लोग पहुंचते हैं वही यहां जो स्थानीय लोगों में श्रद्धा व भक्ति देखते ही बनती है। बतौर मुख्य अतिथि आचार्य बालकृष्ण पंतजली योगपीठ ने कार्यक्रम का शुभारंभ द्वीप प्रज्वलित कर किया।
वहीं भजन गायक पीयूषा और कैलाश अनुज ने भजनों से जमाया रंग
आस्था, आध्यात्म व विश्वास का प्रतीक तीर्थ सिद्धबली मन्दिर में तीन दिवसीय सिद्धबली बाबा वार्षिक महोत्सव धार्मिक अनुष्ठान के साथ संपन्न हो गया है। सिद्धबली महोत्सव का अन्तिम दिन हिन्दी भजन संध्या में प्रसिद्ध भजन गायक पीयूषा और कैलाश अनुज के नाम रहा। शिव पार्वती की मन मोहक झांकियों के बीच भजन गायक कैलाश अनुज ने आओ भक्तों राम कीर्तन मिलकर गायें, डमरू बजाने वाला कौन, सुख बरसाने वाल’ भोला भण्डारी बाबा के कई भजन गाये तो हनुमान आज तुम्हें आना ही पड़ेगा जैसे भक्तिमय भजनों से दर्शकों को बांधे रखा। देर सांय तक भजन संध्या चलती रही। इस तरह धार्मिक अनुष्ठान, धर सभा व भजन कीर्तन के बाद सिद्धबली वार्षिक अनुष्ठान महोत्सव सम्पन्न हो गया।
महोत्सव के अन्तिम दिन सवामन का रोट बनाकर बाबा को भोग लगाया गया और यही रोट हजारों भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। रोट प्रसाद वितरण के अवसर पर सिद्धबली मंदिर के महंत विधायक लेंसडौन दिलीप रावत, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, मन्दिर समिति के अध्यक्ष डाॅ. जे.पी. ध्यानी, नगर निगम
मेयर हेमलता नेगी, उद्योगपति अनिल कंसल, मेला अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल, पवन अग्रवाल, सतेन्द्र अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, ओमप्रकाश सुन्द्रियाल, राजीव गोयल, मोहन सिंह नेगी, दीपक पोखरियाल, शिव प्रसाद पोखरियाल, अनिल विठ्ठल, प्रमोद रावत, सुमित नेगी, ऋषभ भण्डारी, शुभम रावत सहित हजारों के संख्या में भक्तों की भी ऐप पर पढ़ें, पुलिस एसएसआई जगमोहन रमोला, एसआई नवीन पुरोहित, कमलेश शर्मा, दीपा मल्ल पूरे पुलिस दल व एनसीसी कैडेट्स, मेले की व्यवस्थाओं में जुटे रहे। वहीं हरी राम एंड कंपनी के द्वारा साधु-संतों व श्रद्धालुजनों को भोजन व चाई की फ्री व्यवस्था वर्षों से प्रोफेसर विजय कुमार अग्रवाल, संजय कुमार, अजय कुमार, अजीत कुमार, अग्रवाल परिवार की तरफ से किया जाता है।