अल्मोड़ा। जिलाधिकारी-अध्यक्ष जागेश्वर मन्दिर प्रबन्धन समिति ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेशों के अनुपालन में वर्ष 2014 में ही जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा तथ्यों के आधार पर तत्कालीन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सर्व सम्मति से पंडित हेमंत भट्ट व उनके पिता रघुनाथ भट्ट द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर जनहित में यह निर्णय लिया गया था कि जागेश्वर धाम में वर्तमान में कोई भी प्रधान-मुख्य पुजारी का पद नहीं है। उन्होंने बताया कि माननीय न्यायालय के आदेशों के क्रम में सूचीबद्ध बारीदार पुजारियों में से ही लोकतान्त्रिक तरीके से अपने प्रतिनिधि का चुनाव कर ट्रस्ट में पुजारी प्रतिनिधि, सदस्य के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा अन्य कोई भी पद नहीं है, किंतु मन्दिर प्रबन्धन समिति की बैठक एवं अन्य के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर यह संज्ञान में आया है कि वर्तमान में भी पंडित हेमंत भट्ट द्वारा विभिन्न प्रचार प्रसार माध्यमों से अपने आप को मंदिर समूह के अन्तर्गत प्रधान-मुख्य पुजारी के रूप में प्रचारित किया जा रहा है जो कि जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा लिए गए निर्णय का प्रत्यक्ष उल्लंघन है।
माननीय न्यायालय के आदेशों का भी प्रत्यक्ष उल्लंघन है। जिलाधिकारी ने बताया कि जागेश्वर मंदिर समूह से संबंधित किसी भी जानकारी हेतु आधिकारिक तौर पर ट्रस्ट के सदस्यों से ही संपर्क किया जाए। उन्होंने बताया कि जागेश्वर मंदिर समूह में वर्तमान में कोई भी प्रधान-मुख्य पुजारी का पद नहीं है।