जोशीमठ : ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हर विपत्ति समय पर टल जाती है अतः धैर्य धारण करें ।
कितनी ही बड़ी विपत्ति क्यों न हो समय अनुसार उसे टलना ही पड़ता है। अतः विपत्ति के समय धैर्य धारण करने का उपदेश हमारे पूर्वजों ने हमें प्रदान किया है। “विपदि धैर्यम्” विपत्ति के समय धैर्य धारण करते हुए उसके निवारण का प्रयत्न करना चाहिए। घबराने से तो विपत्ति और अधिक प्रभावी हो जाती है। इसलिए समस्त जोशीमठ वासी भाई-बहनों से हमारी अपील है कि वे धैर्यपूर्वक बिना किसी का घबराहट के इस आसन्न विपत्ति का सामना करें। इसके लिए हम हर वह उपाय अपनाएंगे जिससे विपत्ति कटती हो।
उन्होंने कहा कि भगवान् शंकराचार्य जी ने भी आपदा-विपदा के समय उसके निवारण के लिए भौतिक उपायों के साथ-साथ देवाराधन करना श्रेयस्कर माना है। ज्योतिर्मठ के इतिहास में भी यह दर्ज है कि जब त्रिमुण्ड्या वीर ने जोशीमठ की जनता को सताया तब यहाँ के निवासियों ने देवी राजराजेश्वरी पराम्बा की उपासना की और उनकी कृपा से सबकी रक्षा हुई। भगवान् नरसिंह ने परम अत्याचारी, परम समर्थ हिरण्यकशिपु से बालक भक्त प्रह्लाद की रक्षा की। भगवत्कृपा से यहाँ के नृसिंह मन्दिर परिसर ज्योतिर्मठ मठांगण में दोनों विराजमान हैं। अतः हम मिलकर दोनों की आराधना करेंगे। भगवान् नरसिंह की प्रीति के लिए नरसिंह पुराण का पारायण और श्रीदेवी की प्रीति के लिए संपुटित सहस्त्र चण्डी महायज्ञ किया जाएगा। भगवान् श्रीरूद्र की प्रीति के लिए साथ ही साथ रूद्र महायज्ञ सम्पन्न होगा। हमें विश्वास है कि भगवत्कृपा से जोशीमठ की रक्षा होगी और ना तो जोशीमठ विस्थापित होगा और न ही विनष्ट।
शंकराचार्य ने कहा कि जैसा कठिन समय हम सबके सामने आया है उसमें अब हमें यह निश्चय कर लेना होगा कि हम जोशीमठ को बनाए-बचाए रखना चाहते हैं या फिर उसकी कीमत पर टनल और बाईपास चाहते हैं। यह निर्णय इसलिए कर लेना होगा क्योंकि जो संकेत मिले हैं उससे यह तय हो गया है कि दोनों का सामञ्जस्य नहीं बन सकेगा।
ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी ने 12 वर्ष पूर्व ही चेताया था।
ब्रह्मलीन ज्योतिष्पीठाधीश्वर (एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर) जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ने ईस्वी सन् 2008 में ही गंगा सेवा अभियानम् के माध्यम से अपनी राय देश के सामने रख दी थी जिसमें उन्होंने बड़ी विद्युत परियोजनाओं और हर उस बड़े प्रोजेक्ट को पहाड़ों के लिए विनाशक बताया था जो पहाड़ों को हिला रहे थे।
उन्होंने 2010 में भी एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगाड प्रोजेक्ट के सन्दर्भ में स्पष्ट रूप से कहा था कि ऐसा न हो कि इस प्रोजेक्ट के प्रभाव से जोशीमठ सदा-सदा के लिए नष्ट हो जाए। आज उनकी आशंका शत-प्रतिशत सच साबित हो रही है। अतः हमें स्पष्टता के साथ जोशीमठ की रक्षा के लिए ऐसे प्रोजेक्ट को रोकना ही होगा
ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय में आप सभी की ओर से विशेषकर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की भावनाओं के अनुरूप मामला दाखिल किया है। हमें आशा है कि माननीय न्यायालय समुचित निर्देश पारित करेगा।
ज्योतिर्मठ में आई आपदा को देखते हुए अपने समस्त कार्यक्रमों को छोड़कर विगत 7 जनवरी को ज्योतिर्मठ पहुँच कर अगले दिन 8 जनवरी को प्रातः काल से पीड़ित जनता के दुख दर्द को देखा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र भट्ट , केबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत सहित भाजपा के पदाधिकारियों ने ज्योतिर्मठ पहुँच कर शंकराचार्य जी महाराज से इस विपत्ति के समय उचित मार्गदर्शन प्राप्त किया ।
कांग्रेस नेता पूर्व विधायक श्री गणेश गोदियाल ने भी शंकराचार्य जी महाराज का आशीर्वाद लेते हुए कहा कि जोशीमठ में आए इस विपत्ति की घडी में हम सब जनता की सेवा के लिए तत्पर हैं ।
इस अवसर पर उपस्थित रहे मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी, भुवनचन्द्र उनियाल, रामदयाल मैदुली , कुशलानन्द बहुगुणा, शिवानन्द उनियाल आदि