देहरादून। उत्तराखंड क्रान्ति दल द्वारा गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान प्रदर्शनकारियों पर हुये लाठीचार्ज के विरोध में स्व०इंद्रमणि बड़ोनी जी की प्रतिमा पर एक दिवसीय उपवास व धरने के माध्यम से मुख्यमंत्री से त्यागपत्र मांगा है। धरने को संबोधित करते हुये दल के सर्वोच्च नेता काशी सिंह ऐरी ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत जनरल डायर बन गए है। प्रदर्शन कर महिलाओं पर लाठी भांजना मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का दिवालियापन दर्शाता है। जिन महिलाओं के बदौलत राज्य मिला आज वह अपने राज्य में अपनी चुनी सरकार के इशारे पर पिट रहे हैं। यह सबसे बड़ा शर्मनाक है। उक्रांद माँग करता है कि नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री तुरंत त्याग पत्र देकर सार्वजनिक माफी मांगें, भले वह भी काफी नहीं है।
दल के संरक्षक बी डी रतूड़ी ने कि भाजपा राज्य विरोधी है, केंद्र से लेकर भाजपानीत राज्यों की सरकारें लोकतंत्र की हत्या कर रही है। सरकार अपनी नैतिकता खो चुकी है।
पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि राज्य प्राप्ति आंदोलन के दौरान शहीद मातृ शक्ति स्व०श्री हंसा धनाई व स्व०बेलमती चौहान ने राज्य के लिये अपना बलिदान दिया, आज हमारी इन शहीदों मातृ शक्ति के राज्य में मातृ शांति सरकार के इशारे पर पिट रही है। त्रिवेंद्र सरकार को अपनी नैतिकता को खो चुकी है। गृह मंत्रालय स्वम् मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है। घाट क्षेत्र चमोली की महिलाएं जो दशकों से सड़क के चौड़ीकरण को लेकर तीन माह से धरने और आंदोलन कर रहे है जो अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर विधानसभा घेराव में गैरसैंण गये।
सरकार के इशारे पर निहत्थे और लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन पर लाठियां पुलिस के द्वारा भांजी गयी। उक्रांद मांग करता है कि मुख्यमंत्री को अविलम्ब अपने पद से त्याग पत् दें। दल सरकार के खिलाफ लाठीचार्ज को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन करेगा। धरने की अध्यक्षता कर रहे दल के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हरीश पाठक ने कहा कि भाजपानीत त्रिवेंद्र की सरकार मातृ शक्ति का अपमान कर रही है। सरकार पहाड़ विरोधी है। राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। गैरसैंण में महिलाओं पर लाठीचार्ज करना इनका चरित्र स्पष्ट होता है। संचालन सुनील ध्यानी व सोमेश बुडाकोटी ने किया।
धरने को लताफत हुसैन, सुरेंद्र कुकरेती, देवेंद्र कंडवाल, किशन मेहता, जयप्रकाश उपाध्याय, बहादुर सिंह रावत, सुनील ध्यानी, विजय बौड़ाई, राजेन्द्र बिष्ट, समीर मुंडेपी, शकुंतला रावत, किरन रावत, मिनाक्षी घिल्डियाल, दीपक मधवाल, अशोक नेगी, राजेन्द्र प्रधान, मनोज ममगाईं, दीपक रावत, सोमेश बुडाकोटी, गणेश काला, रमेश थलाल, समीर मुखर्जी, भगवती डबराल आदि थे।