रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के औरिंग गाँव के 89 वर्षीय बुजुर्ग काश्तकार अजीतसिंह कण्डारी के बगीचे के माल्टा की दूसरी खेप का 40 कुन्तल देश की राजधानी पहुँचा। उत्तराखंड का उद्यान विभाग 7 रुपये प्रति किलो की दर से लूट के भाव खरीद रहा था। काश्तकार को माल्टा की पाँच गुने से अधिक कीमत मिली है।
उत्तराखंड सरकार के उद्यान विभाग को माल्टा में भी राजनीति दिखाई दे रही थी, पहाड़ के गाँवों की स्थिति यह है कि आज भी पेड़ों पर फल है या तो गिर रहे हैं या पक्षी जंगली जानवर खा रहे हैं। पहाड़ के हजारों माल्टा उत्पादक किसानों की आजीविका के लिए प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया था। सरकार माल्टा फसल का उचित समर्थन मूल्य घोषित करे, ताकि छोटे गरीब किसान का साल भर का नमक .तेल का गुजारा हो सके। जिसके समर्थन में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी अपने आवास पर एक घन्टे का उपवास रखा था, औरिंग पहुँचकर स्थानीय विधायक केदारनाथ मनोज रावत, मीडिया जगत, समाज सेवियों के आश्वासन पर अपने 200 पेड़ 01 फरबरी से काटना शुरू करने के निर्णय पर पुनर्विचार किया था।
यह दुःखद है कि प्रतिवर्ष स्थानीय बाजारों में बिकने वाले इस माल्टा को भारत की राजधानी दिल्ली भेज रहे हैं, खुशी की बात है कि देश दुनिया के लोग इस जैविक माल्टा के तत्वों का लाभ उठायेंगे।