अल्मोड़ा। उत्तराखंड में माओवाद का सिर्फ हव्वा फैलाया जाता है या फिर इसके प्रमाण भी हैं प्रशासन के पास? सन् 2017 में उत्तराखंड में माओवादी होने का जिन दो लोगों एक महिला तथा पुरुष पर आरोप लगाए गए थे, बाद में हल्द्वानी में उनकी गिरफ्तारी हुई थी, पुलिस उनके खिलाफ कोर्ट में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई और दोनों साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए।
वर्ष 2017 में द्वाराहाट क्षेत्र अंतर्गत घटित माओवादी घटनाओं के उपरांत थाना द्वाराहाट में पंजीकृत अभियोग के आरोप में गिरफ्तार माओवादी अभियुक्त देवेंद्र चम्याल व भगवती भोज की पेशी दिनांक 30-4-19 को न्यायिक मजिस्ट्रेट रानीखेत न्यायालय में नियत थी। उक्त अभियोग में माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट रानीखेत द्वारा दोंनो अभियुतों देवेन्द्र चम्याल व भगवती भोज को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।
गौरतलब है इन दोनों पर अन्य मामले भी चल रहे हैं, जो न्यायालय में विचाराधीन हैं.