हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली। महात्मा गांधी नरेगा कर्मियों के ग्रेडिंग प्रस्तुतीकरण के दौरान गलत मूल्यांकन किए जाने का आरोप लगाते हुए मनरेगा कर्मियों ने विरोध करते हुए जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भेजा है। जिसमें मनरेगा कर्मियों का उत्पीडन किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
महात्मा गांधी मनरेगा कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष रमेश गड़िया ने खंड विकास अधिकारी देवाल जगदीश चन्द्र बैरवाण के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजें एक ज्ञापन में कहा हैं कि,गत 29 मई को मनरेगा के कार्यों की समीक्षा की गई जिससे मनरेगा के लक्ष्यों की पूर्ण प्राप्ति नही होने पर अल्प वेतन भोगी मनरेगा कर्मियों को जिम्मेदार ठहराने की बात कहते हुए उन्हें चेतावनी दी गई।कहा है कि मनरेगा के कार्यों का संचालन ग्राम विकास अधिकारी जोकि पूर्ण वेतन भोगी हैं और मनरेगा कर्मियों जोकि अल्प वेतन भोगी हैं।के द्वारा किया जाता है। किंतु कार्यों के संपादन की संपूर्ण जिम्मेदारी मनरेगा कर्मियों के ऊपर डालने का प्रयास किया जा रहा है जोकि सरासर गलत हैं। ज्ञापन में गड़िया ने कहा है, कि पिछले 18 से 20 वर्षों से मनरेगा कर्मी राज्य में कार्यरत हैं उनकी बदौलत कई बार मनरेगा में राज्य को पुरस्कृत भी मिल चुका है बावजूद इसके उन्हें नियमित करने के ठोस प्रयास नही किए जा रहे हैं। पिछले 4 माह से उन्हें नियमित मानदेय भी नही दिया जा रहा है, जबकि मनरेगा के अलावा अन्य कई कार्यों अलावा उच्चाधिकारियों के निर्देश पर लोकसभा, विधानसभा, पंचायत,नगर निकायों के चुनावों के अलावा प्रधानमंत्री आवास सर्वे, आपदा सहित अन्य कार्यों को भी कुशलतापूर्वक किया जाता रहा हैं। बावजूद इसके उन्हें चेतावनी दिया जाना गलत है। ज्ञापन के माध्यम से मनरेगा कर्मियों के किसी भी उत्पीड़न पर आंदोलन एवं अदालत की शरण लेने की चेतावनी दी है। ज्ञापन सौंपने वालों में संगठन के जिला कोषाध्यक्ष भूपेंद्र बिष्ट,कलम सिंह बिष्ट, प्रमोद मिश्रा,कलम सिंह पटाकी, रमाशंकर पांडे आदि मौजूद थे।