मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति द्वारा आयोजित सात दिवसीय रचना दिवस महोत्सव के दूसरे दिन शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रमों की धूम रही पंडित चंद्रशेखर पंत व नृत्य सम्राट उदय शंकर जी की स्मृति में शास्त्रीय संगीत संध्या का आयोजन किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि प्रकाश चंद्र जोशी नगर पालिका अध्यक्ष और विशिष्ट अतिथि प्रतुल जोशी निदेशक आकाशवाणी अल्मोड़ा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। कार्यक्रम में बनारस के संगीतज्ञ पंडित विजय शंकर मिश्र को राष्ट्रीय स्तर पर शास्त्रीय संगीत के प्रचार प्रसार में किए गए योगदान के लिए कौस्तुभ सम्मान 20 20 से तथा ध्रुपद गायक जोड़ी प्रदीप चोपड़ा आस्था चोपड़ा को युवा प्रतिभा सम्मान 2020 से तबला वादन के लिए राजेंद्र नयाल को कला साधक सम्मान 2020 दिल्ली के रवि पाल को ख्याल गायकी के लिए युवा प्रतिभा सम्मान 2020 आभा जोशी पाठक को रचनाकार प्रोत्साहन अवार्ड से सम्मानित किया गया। सभी सम्मानित हुए कलाकारों को प्रकाश जोशी व प्रतुल जोशी ने शॉल फूल गुच्छए स्मृति चिन्ह एसम्मान पत्रए पुस्तक गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया । मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी ने कहां की मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति के प्रयासों से प्रत्येक वर्ष शास्त्रीय संगीत में देश के प्रतिष्ठित कलाकार यहां पर अपनी प्रस्तुति देते हैं यह हमारा सौभाग्य है । उन्होंने कहा की 20 वर्ष पहले जब इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी तब भी मैं मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित था ।
संस्था के द्वारा 20 वर्षों से रचना दिवस महोत्सव के आयोजन के लिए संस्था को साधुवाद। प्रतुल जोशी ने मोहन दा के विषय में अपने विचार प्रकट किए और उत्कृष्ट शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रमों की सराहना की। पंडित विजय शंकर मिश्र ने अपने संबोधन में कहा की कोरोना काल में सरकार के द्वारा सभी पक्षों के विषय में सोचा गया लेकिन कलाकारो के विषय में किसी ने भी नहीं सोचा … कलाकार ने ना तो लाइन में खड़े होकर फ्री का भोजन प्राप्त किया और ना ही कहीं से सस्ता राशन या फ्री का राशन के लिए वह लाइन में लगा। उसने कोरेना काल में भी फ्री में ऑनलाइन प्रस्तुतियां दी और सकारात्मकता का माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाई लेकिन उसके विषय में कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई …पर अपना उद्गार व्यक्त किए।
कार्यक्रम की शुरुआत ऋषिकेश से पधारे ध्रुपद गायक प्रदीप चोपड़ा आस्था चोपड़ा ने ध्रुपद गायन से की उन्होंने तू ही चंद्र तू ही सूर्य… की स्वर लहरियों से माहौल को संगीतमय बना दिया इनके साथ युवा पखवाज वादक पंडित रमेश चंद्र जोशी ने संगत की।
हल्द्वानी से आमंत्रित कथक नृत्यांगना अंबिका रावत व नव्या सुयाल ने कथक नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। शुद्ध कथकए भजन व जुगलबंदी प्रस्तुत की। यह दोनों नृत्यांगना संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की छात्रवृत्ति धारक है और कत्थक की शिक्षा प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना डॉक्टर दीपा जोशी से गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत ले रही हैं।
शहर के कलाकार राजेंद्र नयाल ने तबले पर एकल प्रस्तुति दी हारमोनियम पर संगत विनोद कुमार ने की। शास्त्रीय गायन बनारस घराने से आए उज्जवल मिश्र ने प्रस्तुत किया उन्होंने राग यमन में ए री आली पिया बिन… और भजन द्वारे नंद के नाद बजाया है भोला दर्शन को आया है… प्रस्तुत किया है। युवा प्रतिभा सम्मान से सम्मानित रवि पाल ने विलंबित ख्याल द्रुत तीन ताल में पिया तोरी लागी… और मांझ खम्माज में दादरा बलमुआ कित गए सिधार… प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष हेमन्त कुमार जोशी ने सभी उपस्थित कलाकारों का आभार व्यक्त किया देर रात तक चले कार्यक्रम में कैलाश पांडे, किरन पंत, कमल पांडे, मीना पांडे, नमिता टम्टा, आभा जोशी, केऽ एसऽ, जी सी सुयाल, मनमोहन चौधरी, सुवर्ण रावत, मोहन पांडेय, मीरा जोशी सहित कई लोग मौजूद थे।